गीत
- का ते कान्ता कस्ते पुत्रः संसारोयमतीव विचित्रः।
- कस्य त्वं कः कुत आयातः तत्त्वं चिन्तय तदीह भ्रातः।।
अर्थ
कौन तुम्हारी पत्नी है ? कौन तुम्हारा पुत्र है ? इस संसार के सम्बन्ध अति विचित्र है । तुम कौन हो ? कहाँ से आए हो ? हे मेरे भाई इन तात्विक प्रशनों पर विचार कर सत्य तक पहुँचने का प्रयत्न करो।
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---|---|
ते | तुम्हारी |
कांता | पत्नी |
कस्ते | कौन तुम्हारा |
पुत्र: | बेटा |
संसार | दुनिया |
अयम् | यह |
अतीव | बहुत अधिक |
विचित्र: | अद्भुत / रहस्यमय |
कस्य | किसका |
त्वम् | तुम |
क: | कौन |
कुत | कहाँ से |
आयात: | आये हैं |
तत्वम् | सत्य |
चिन्तय | विचार करो |
तदिह | इसका |
भ्रात: | भाई। |