- Sri Sathya Sai Balvikas - https://sssbalvikas.in/hi/ -

देवी भजन प्रशिक्षण

Print Friendly, PDF & Email [1]
[vc_row][vc_column][vc_column_text][/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column el_class=”title-para”][vc_column_text el_class=”hi-Vesper”][vc_row][vc_column el_class=”title-para”][vc_column_text el_class=”title-para”]

हर रूप “दुर्गा” का है – शक्ति (ऊर्जा) से जुड़ा हुआ है। मनुष्य के भीतर अनंत शक्ति है। वह शक्ति जो समझ से परे और ईश्वरीय है। “सरस्वती” वाणी की देवी के रूप में सभी में विद्यमान है। शरीर को ब्रह्म और जिव्हा को सरस्वती माना गया है। हृदय से निकलने वाले कंपन शरीर और जीभ के मिलन के माध्यम से ध्वनि के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। “लक्ष्मी” केवल धन ही नहीं, सभी प्रकार की संपदा और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करती है। यह सुख और आनंद का स्त्रोत है। भैंस के सिर वाला राक्षस, महिषासुर, बुरी ताकतों का प्रतिनिधित्व करता है। यह दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती की संयुक्त शक्ति है जो क्रमशः इच्छा शक्ति, क्रिया शक्ति और बुद्धि की शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है जो इस राक्षस का अंत करती है। -बाबा

आइए हम इन देवी भजनों को गाकर साई माँ से प्रार्थना करें कि हम अपने भीतर इन सभी शक्तियों को जगा सकें ताकि हम अपनी इच्छा शक्ति, ज्ञान शक्ति और कर्म की शक्ति का उपयोग अपनी आध्यात्मिक यात्रा में सभी बाधाओं को दूर करने के लिए कर सकें।

[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]