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गुरू भजन प्रशिक्षण

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‘गु’ का अर्थ है अंधकार और ‘रु’ का अर्थ है दूर करने वाला। ‘गुरू’ का अर्थ है अंधकार को दूर करने वाला। लोगों को अपने मन को सर्वव्यापी प्रेम तत्व से भरना चाहिए। प्रेम की परिपूर्णता का अनुभव करने के लिए, आपको अपने हृदयों को पूर्ण रूप से प्रेम से भरना होगा। वह पूर्ण भक्ति का परिणाम होगा। गुरू का एक और अर्थ भी है। ‘गु’ का अर्थ है गुणातीत (ऊर्जा के तीन पहलुओं से परे जिससे ब्रह्मांड बना है) और ‘रू’ का अर्थ है रूप-रहित (किसी विशेष रूप से रहित)। अब, कोई भी नश्वर तत्व गुण और रूप से परे नहीं गया है। अकेले ईश्वर को इनसे अप्रभावित बताया जा सकता है। और, ईश्वर गुरू हैं ठीक आपके हृदय में, नेतृत्व करने और प्रबुद्ध करने के लिए तैयार। वह सर्वज्ञ, सर्वशक्तिशाली और सर्वव्यापक है। – बाबा

गुरू सर्वोच्च है जो शिष्य में निहित अज्ञान को दूर कर, इंद्रियों एवं मन को अनुशासन सिखाता है। जब कोई संसार के बंधनों से मुक्त होता है, तो वह भीतर के ईश्वर को देख सकता है।

आइए, हम इन गुरुभजनों को गाकर अपने जगतगुरू, भगवान श्री सत्य साई बाबा से प्रार्थना करें।

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