कमल
कमल
प्यारे बच्चों! कल्पना कीजिए कि आप एक तालाब के पास सैर कर रहे हैं। पास में एक मंदिर है। देखो तालाब में कितने कमल के फूल खिले हैं। कमल का पुष्प माता लक्ष्मी को प्रिय है। कमल गुलाबी रंग का होता है। आप जानते हैं कि कमल हमारा राष्ट्रीय पुष्प है।
आपका हृदय कमल के फूल के समान ही कोमल और मृदुल है। कमल सूर्य को देखते ही अपनी एक-एक पंखुड़ी खोलता है। उसी तरह हमें भी अपना हृदय परमेश्वर के लिए खोलना होगा। यह हमें वैराग्य और पवित्रता का पाठ भी सिखाता है। तालाब में रुका हुआ पानी और कीचड़ होने पर भी, वह वहीं खिलता है। यह स्वयं को मिट्टी से अप्रभावित, स्वच्छ और ताजा रखता है। इसलिए अच्छा और शुद्ध होने के लिए परिवेश मायने नहीं रखता। आप देख सकते हैं कि कमल के पत्ते पर पानी की बूंद एक सिरे से दूसरे सिरे तक फिसलती है, पर उस पर ठहरती नहीं है। यह हमें सब के करीब रहते हुए भी सबसे स्पृहारहित रहना सिखाता है।
हमें अच्छा बनना सीखना चाहिए और अपने आस-पास के सभी लोगों में खुशी फैलानी चाहिए।
कमल का फूल सूर्य को देखते ही खुल जाता है। कमल के फूल की तरह बनो, और भगवान के लिए अपना दिल खोलो।
गतिविधि:
गुरू बच्चों को कल्पना अनुसार कमल का चित्र बनाने के लिए कह सकते हैं।
[स्रोत: सेल्फ डिस्कवरी के प्रारंभिक चरण चरण-2, सत्य साई शिक्षा संस्थान (भारत), धर्मक्षेत्र, मुंबई।]