सत्य बोलो! अच्छा अनुभव करो!

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सत्य बोलो! अच्छा अनुभव करो!

शिक्षक अभ्यास को धीरे-धीरे पढ़ते हैं, बिन्दुओं पर रुकते हैं…

आप चाहें तो कोई मधुर संगीत बजा सकते हैं।

सबसे पहले, अपनी कुर्सियों पर एक आरामदायक स्थिति में अथवा पालथी लगाकर नीचे बैठें।

सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ और गर्दन सीधी हो।

गहरी सांँस लें और सांँस छोड़ते हुए आराम करें।

अपनी आंँखें बंद करें, या यदि आप इससे असहज महसूस करते हैं, तो नीचे फर्श पर देखें।

एक और गहरी सांँस लें … और दूसरी …।

अब उस समय के बारे में सोचें जब आपने झूठ बोला था …

आपने कैसा महसूस किया? …

उस समय के बारे में सोचें जब किसी ने आपसे झूठ बोला हो …

आपने कैसा महसूस किया? …

उस समय के बारे में सोचें जब आपने सच कहा था …

आपने कैसा महसूस किया? …

सच बोलने के लिए अपनी पीठ थपथपाओ।

जब आप मेरी छोटी सी घंटी की खनखनाहट सुनें, तो धीरे-धीरे अपनी आंँखें खोलें, अपने बगल में बैठे व्यक्ति को देखें और मुस्कुराएंँ।

परिचर्चा:
  1. सच बोलना कैसा लगता है?
  2. क्या आपने अपना कार्य पूरा कर पाने के लिए, कभी झूठ बोला है?
  3. अगर कोई आपसे झूठ बोले तो आपको कैसा लगता है? क्या आपको गुस्सा आता है?

[संदर्भ: मानव मूल्यों में सत्य साई शिक्षा, कैरोल एल्डरमैन द्वारा चरित्र और भावनात्मक साक्षरता के विकास के लिए एक पाठ्यक्रम।]

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