पढ़ाए जाने वाले और अर्जित किए जाने वाले विषय की अपेक्षा,अनुभवजन्य अधिगम पाठ्यचर्या के लिए एक उपयोगी दृष्टिकोण है।
इसलिए क्योंकि इसमें ज्ञान का एक सुपरिभाषित निकाय, एक निर्धारित पाठ्यक्रम सामग्री नहीं है।
किसी भी अभ्यास के लिए सूचना सामग्री पूर्व निर्धारित नहीं की जा सकती। प्रारंभ में बच्चे उनके पिछले अनुभव के आधार पर पाठ्यक्रम सामग्री और धारणा प्रदान करते हैं।
धीरे-धीरे जैसे जैसे गतिविधियों में उनकी भागीदारी बढ़ती है, पाठ्यक्रम की सामग्री गहरी और चौड़ी होती जाती है।
इस प्रकार, अनुभवात्मक अधिगम एक गतिशील, विकासशील प्रक्रिया है।
तात्पर्य यह है कि, यह सामाजिक कौशल, सहज अनुभव और रचनात्मक अभिव्यक्ति पर जोर देने वाली एक जांँच पद्धति है।
इस प्रक्रिया में, सभी प्रकार के डेटा के कौशल संग्रह और इसकी व्याख्या, संचार की एक विस्तृत श्रृंखला की पड़ताल, पद्धतियों की विविधता और अंतर-व्यक्तिगत समझ को बढ़ावा देने का दृष्टिकोण दिखाई देता है।
एक समूह में काम करने, देने और स्वीकार करने की क्षमता सुझाव, दूसरों का सम्मान और भौतिक पर्यावरण तथा जिम्मेदारी स्वीकार कर रहे कुछ अन्य कौशलों को बढ़ावा दिया जाता है व एक स्थिर मूल्य प्रणाली को शामिल किया जाता है।