अनुपम सुंदर
भजन
- अनुपम सुंदर नंद किशोरा
- बृंदावन घनश्याम
- मुरली माधव राधे गोविंदा
- मधुसूदन घनश्याम, सत्य साई सुंदर श्याम
- बृंद विहारी मंदर गिरिधारी
- कमल नयन भगवान
- भक्तों के प्रभु पर्त्तीश्वर साई
- नटवर सुंदर श्याम, सत्य साई सुंदर श्याम।।
अर्थ
हे नंदपुत्र कृष्ण। आप अतुलनीय रूप से सुंदर हैं। आप बादलों की तरह श्याम वर्णी हैं और वृंदावन में राधे गोविंदा, मधुसूदन और गिरिधारी के रूप में पूजे जाते हैं। हे कमल नयन भगवान सत्य साई। आप अपने भक्तों के प्रिय हैं एवं नर्तन करते हुए श्याम सलोने कहलाते हैं।
व्याख्या
अनुपम सुंदर नंद किशोरा | हे नन्द के प्रिय पुत्र। आप अतुलनीय रूप से सुंदर हैं। |
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बृंदावन घनश्याम | हे गूढ़ नील वर्णी कृष्ण, आप बृंदावन में सभी के प्रिय हैं जहाँ आपने अपनी बाल-लीलाओं से सभी को मंत्रमुग्ध किया। |
मुरली माधव राधे गोविंदा | हे राधा के प्रिय गोविंद, आपकी मुरली से सदैव अलौकिक संगीत निसृत होता है। आप वास्तव में कल्पनातीत हैं एवं इस सृष्टि के स्वामी हैं। |
मधुसूदन घनश्याम, सत्य साई सुंदर श्याम | हे नीलवर्ण सुन्दर प्रभु । आप हमारे अहंकार को नाश करने वाले हैं। आप वही हैं जो फिर से मोहक सत्य साई के रूप में अवतरित हुए हैं। |
बृंद विहारी मंदर गिरिधारी | हे सर्वशक्तिमान प्रभु। आप वह हैं जिन्होंने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को धारण किया, जिससे समस्त वृंदावनवासी मंत्रमुग्ध हो गए। |
कमल नयन भगवान | हे प्रभु। आपके नेत्र कमल के समान सुंदर हैं। |
भक्तों के प्रभु पर्त्तीश्वर साई | आप वही हैं जो भक्तों के हितार्थ सदैव उनके साथ हैं,जो सत्य साई के रूप में पुट्टपर्ती के भगवान हैं। |
नटवर सुंदर श्याम, सत्य साई सुंदर श्याम | हे रमणीय नीलवर्ण रूप लिए कृष्ण, आप वास्तव में इस ब्रह्मांड के नृत्य गुरू हैं, जिन्होंने सत्य साई के मोहक रूप को इतने अनुग्रह से धारण किया। |
राग: वृंदावनी सारंग
श्रुति: डी# (पंचम)
बीट (ताल): कहरवा या आदि तालम – 8 बीट
भारतीय संकेतन
पश्चिमी संकेतन
Adopted from : https://archive.sssmediacentre.org/journals/vol_12/01AUG14/Anupama-Sundara-Nanda-Kishora-radiosai-bhajan-tutor.htm