ईश्वराम्बा प्रिय तनया
भजन
- ईश्वराम्बा प्रिय तनया
- ईशा महेशा श्री साईशा
- युगावतारा साईशा
- पूर्णावतारा साईशा
- प्रेमावतारा साईशा
अर्थ
ईश्वराम्बा के प्रिय पुत्र, भगवान महेश, श्री साई। कलियुग का वह अवतार जो लीलाओं से भरा हुआ अपनी पूर्ण महिमा सहित अवतरित हुआ है।
व्याख्या
ईश्वराम्बा प्रिय तनय | हे माँ ईश्वरम्मा के प्रिय पुत्र। |
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ईशा महेशा श्री साईशा | हे साई! आप शिव रूप हैं, देवाधिदेव हैं, सर्वोच्च हैं। |
युगावतारा साईशा | हे साई। प्रत्येक युग में आप मानव रूप धारण कर अवतरित होते हैं। |
पूर्णावतारा साईशा | हे साई। आप परम चेतना की पूर्ण अभिव्यक्ति हैं! |
प्रेमावतारा साईशा | हे साई। आप साक्षात् प्रेमावतार हैं, परम प्रेमस्वरूप हैं। |
राग: हिंडोलम (कर्नाटक) – मालकौंस (हिंदुस्तानी)
श्रुति: सी (मध्यम)
बीट (ताल): कहरवा या आदि तालम – 8 बीट
भारतीय संकेतन
पश्चिमी संकेतन
Adopted from : https://archive.sssmediacentre.org/journals/vol_15/01MAY17/Bhajan-Tutor-Easwaramba-Priya-Tanaya.htm