अग्नि (1)
परिचय:
अग्नि तत्व प्रकाश का प्रतिनिधित्व करता है। अग्नि को अग्नि-देवता या अग्निदेव का नाम दिया गया है। हम अग्नि की पूजा करते हैं, होम-हवन करते हैं, अग्नि की ज्वाला से सभी देवताओं की आरती करते हैं।
गुण:
शब्द, स्पर्श और रूप अग्नि के प्रमुख गुण हैं। अग्नि स्वयं जलती है, पर दूसरों को प्रकाश देती है। यह ऊर्जा का संचार भी करती है। सूर्य भी एक प्रकार का आग का गोला है। यह ऊर्जा और प्रकाश देता है। प्रकाश ज्ञान का प्रतीक है। जैसे प्रकाश अंधकार को दूर करता है, वैसे ही ज्ञान अज्ञान के अंधकार को दूर करता है। अग्नि किसी भी वस्तु की अशुद्धियों को जलाकर उसे शुद्ध कर देती है। जैसे सोना। इस प्रकार यह शुद्धता का भी प्रतीक है। जब ज्ञान का प्रकाश होता है तो द्वेष, ईर्ष्या, लोभ आदि दुर्गुण दूर हो जाते हैं और सद्गुणों का स्थान ले लेते हैं। आग की लपटें हमेशा ऊपर उठती है। इसी प्रकार हमें भी सदैव उच्च आदर्श एवं उदात्त विचार रखने चाहिए।
कहानी:
एक दिन एक साधु ने देखा कि एक लड़का एक तार-वाद्य को बजाकर गंदा फिल्मी गाना गा रहा है। साधु रुक गया और जोर जोर से रोने लगा “हे भगवान, आप महान हैं। आपकी इच्छा के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता”। लड़के ने क्रोधित होकर संत के सिर पर वाद्य यंत्र से प्रहार किया। वाद्य वहीं टूट गया। संत बस मुस्कुराए और आगे बढ़ गए।
अपनी कुटिया पर पहुँचकर संत ने अपने शिष्य को सारी घटना बताई और कहा कि उस युवक के पास जाओ और उसे यंत्र की कीमत और कुछ मिठाई भी दो। उसने उसे यह बताने के लिए भी कहा कि क्रोथ करना सेहत के लिए बहुत बुरा है, और उसे खेद है कि वह केवल उनकी वजह से क्रोधित हुआ। जब युवक ने संत से ये सब बातें और अच्छी सलाह प्राप्त की, तो उसकी आँखों में पश्चाताप के आँसू आ गए; वह संत के पास गया और उनसे नाराज होने के लिए क्षमा मांँगी।
सुवाक्य:
जैसे अग्नि प्रखर व प्रदीप्त होकर जलती है, वैसे ही मेरे विचार हमेशा उदात्त रहें।
मौन बैठक:
बच्चों को आंँखें बंद करके सीधे बैठने को कहें।
“कल्पना करें कि आपके सामने एक जलता हुआ दीपक है। बंद आँखों से प्रकाश को अपने मस्तक और फिर अपने सिर पर लाएंँ। कल्पना करें और कहें कि जहांँ भी प्रकाश है, वहांँ अंँधेरा नहीं रह सकता। सभी बुरे विचार बाहर हैं और सभी अच्छे विचार मेरे भीतर हैं। मेरे पास हमेशा अच्छे विचार रहेंगे।”
गतिविधि:
इस गतिविधि के लिए कार्ड के तीन सेट तैयार करें। इन्हें बच्चों के तीन समूहों में बाँट दें। अब बच्चों को बताएँ कि सेट ए में व्यवसायियों के नाम हैं, सेट बी में उन कार्यों का उल्लेख है जो वे करते हैं, और सेट सी में गर्मी या आग के स्रोतों के नाम हैं। उन्हें कार्ड का मिलान करना होगा।
व्यवसाय | कार्य | अग्नि के स्रोत |
लुहार | लोहे के औजार | भट्टी |
नानबाई | पाव, डबल रोटी | तन्दूर |
स्वर्णकार | सोना पिघलाना | भट्टी |
रसोइया | रसोई बनाना | चूल्हा |
भाड | चना, मुरमुरा | सिगड़ी |
धोबी | इस्तरी | कोयले/बिजली की प्रेस। |
चर्चा के लिए प्रश्न:
- मानव शरीर के भीतर आग है।
(थर्मामीटर तापमान दिखाएगा। मृत होने पर शरीर ठंडा हो जाता है) - सूर्य में अग्नि है।
(किरणों को केंद्रित करने के लिए लेंस का सूखे कागज पर प्रयोग किया जा सकता है) - लकड़ी और पत्थरों में आग होती है।
(दो लकड़ी की छड़ें रगड़ी जाती हैं, या पत्थरों को आग पैदा करने के लिए एक दूसरे के पर रगड़ा जाता है)