कला और शिल्प – “कृष्ण बांँसुरी पुराने समाचार पत्र से”
आवश्यक सामग्री:
- 10 अखबार के पत्रक(शीट्स)
- कपड़ा/अस्तर/कागज
- सुनहरा धागा
- सुई और धागा
- थर्मोकोल या पेपर बीड्स
- स्केल, पेंसिल तथा गोंद
विधि:
- पाँच अखबारों की शीट लें और एक के ऊपर एक रखें।
- अब बीच में मोड़ें और खुले सिरे से बंद सिरे तक रोल करें।
- गोंद लगाएंँ और रोल को चिपका दें।
- कागज की बांँसुरी 36 सेंटीमीटर लंबी होती है। एक स्केल और पेंसिल लें की सहायता से 8 सेमी, 11 सेमी, 14 सेमी, 18 सेमी के गोले बनाइए।
- सावधानी से एक चाकू लें [वयस्कों की देखरेख में] और धीरे से इन गोल घेरों को काटें। पूरी तरह से काटने की जरूरत नहीं है और न ही पीछे की तरफ काटें।
- एक पेंसिल लें और विस्तार करने के लिए छेद बनाएँ।
- बांँसुरी जितना लंबा एक अच्छा कपड़ा लें। बाँसुरी के स्थान पर ही वृत्तों को नापें। छेद करें और बांँसुरी पर चिपका दें।
- गुच्छों के लिए, एक छोटा थर्माकोल का गोला लें और उसमें एक धागा पिरोएंँ। फिर उस पर एक अच्छा सा कपड़ा चिपका दें। फिर मोतियों को धागे में डालें।
- बांँसुरी के एक छोर और बीच में अस्तर की पट्टियाँ अथवा फीता चिपकाएंँ।
- लटकन के धागे को अस्तर की पट्टी/फीते पर तथा बांँसुरी के दूसरे सिरे पर चिपका दें।
- अब सुनहरा धागा लें और छेदों को घेर लें।
- लीजिए, सुंदर बांँसुरी तैयार है!!!