कंकड़ या सिक्के
उद्देश्य :
इस गतिविधि का उद्देश्य प्रथम समूह के बच्चों को यह समझाना है कि देवी लक्ष्मी के हाथों में चक्र, शंख और गदा क्रमशः समय (चक्र), नाद (शंख) और ऊर्जा (गदा) का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए हमें इनमें से किसी को भी बर्बाद नहीं करना चाहिए।
आवश्यक सामग्री:
कंकड़ या सिक्के, टिन कंटेनर।
कैसे खेलें :
- बच्चों को अपने गुरू की तरफ पीठ करके बैठना चाहिए। वे, एक घेरा बनाकर बाहर की ओर बैठ सकते हैं,घेरे के बीच में गुरू अपना स्थान ले सकते हैं।
- बच्चों से आंखें बंद करने और ध्यान से सुनने को कहें।
- गुरू को चाहिए कि कंकड़ एक-एक करके टिन के डब्बे में डालें।
- कंकड़ गिरने की आवाज सुनते ही बच्चों को उन्हें एक-एक करके गिनने को कहा जाता है।
- पहले तो वे सभी एक साथ ज़ोर से गिन सकते हैं।
- फिर बच्चों से कहें कि वे कंकड़ को चुपचाप गिनें जब वे टिन में एक-एक करके गिराए जाते हैं। गुरू को कुछ कंकड़ बहुत धीरे-धीरे टिन के पात्र के पास गिराना चाहिए।
- जैसे-जैसे बच्चों की सुनने की एकाग्रता बढ़ती है, गुरू धीरे-धीरे गिराए गए कंकड़ की संख्या में वृद्धि करें और अधिक तेज़ी से गिरायें।
- बच्चों को याद दिलाएंँ कि वे एक-दूसरे से नहीं बल्कि खुद के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
कक्षा में चर्चा के लिए सुझाए गए कुछ प्रश्न:
- क्या आप सभी ने इस गतिविधि का आनंद लिया? यदि हाँ तो क्यों?
- शुरुआत में इतने सारे अलग-अलग उत्तर क्यों थे?
- क्या हुआ जब उन्होंने बात करना बंद कर दिया और बेहतर ध्यान केंद्रित किया? क्या पहले ध्यान केंद्रित करना कठिन था?
- क्या बेहतर ध्यान केंद्रित करने के लिए मौन महत्वपूर्ण है?
- वे कौन से विभिन्न तरीके हैं जिनसे हम अपनी ऊर्जा और समय बर्बाद करते हैं? हम यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि भविष्य में हम अपनी ऊर्जा और समय बर्बाद न करें?
संक्षेप में:
चर्चा के बाद गुरुओं को यह समझाने की सलाह दी जाती है कि कैसे समय, ध्वनि और ऊर्जा सभी भगवान द्वारा दिए गए हैं और हम इनका सर्वोत्तम उपयोग कैसे कर सकते हैं।