भारतीय ध्वज – तिरंगा
गतिविधि का उद्देश्य: इस गतिविधि का उद्देश्य बच्चों को परस्पर सहयोग तथा आपसी निर्भरता की भावना से अवगत कराना है। उन्हें इस बात से परिचित कराना है कि हम सभी एक दूसरे पर निर्भर हैं और हम केवल तभी प्रगति कर सकते हैं जब हम एक समूह के रूप में काम करते हैं और एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं।
आवश्यक सामग्री: चार्ट के कागज़ात, कैंची, रंगीन पेंसिल / क्रेयांस, पेंसिल, रबड़, एक छड़ी और गोंद।
प्रक्रिया:
- बच्चों को दो समूहों में विभाजित करें।
- दोनों समूहों में आवश्यक सामग्री वितरित करें। यदि कक्षा में और अधिक बच्चे हैं, तो गुरू उन्हें समूहों के अनुसार गिनकर बना सकते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि किसी भी टीम को पूर्ण सामग्री प्राप्त न हो। उदाहरण के लिए, यदि लड़कों के ग्रुप को नारंगी रंगीन पेंसिल, चार्ट, कैंची, पेंसिल दी गई है तो लड़कियों में हरे रंग की पेंसिल, चार्ट, गोंद दिया जा सकता है।
- बच्चों को बताएंँ कि प्रत्येक को चार्ट पेपर पर भारतीय ध्वज बनाना है और अंत में इसे छड़ी से जोड़ना है।
- प्रारंभ में समूह के बच्चों को शिकायत हो सकती है कि उनके पास आवश्यक सामग्री नहीं है उदाहरण के लिए बालकों को लग सकता है कि उनके पास हरे रंग की पेंसिल, गोंद आदि नहीं है और बालिकाएँ कह सकती हैं कि उनके पास नारंगी रंगीन पेंसिल, कैंची आदि नहीं हैं। बच्चों को अन्य समूहों के साथ सामग्रियों को साझा करने की अनुमति है। हालांकि, गुरुओं को स्पष्ट रूप से यह उल्लेख नहीं करना चाहिए कि उन्हें साझा करने की अनुमति है लेकिन उन्हें निरीक्षण करना चाहिए कि दोनों समूह कैसा व्यवहार कर रहे हैं। गुरू को यह भी देखना चाहिए कि क्या सभी बच्चे गतिविधि में शामिल हो रहे हैं।
- पूर्ण होने पर, बच्चों को भारतीय ध्वज प्रस्तुत करने और एक समूह के रूप में राष्ट्रीय गान गाने के लिए कहें।
चर्चा के लिए सुझाए गए प्रश्न:
- बच्चों से पूछें कि क्या उन्हें एक-दूसरे के साथ चीजें साझा करने में खुशी होती है?
- बच्चों से पूछें कि क्या वे अन्य समूहों से वस्तुओं को लिए बिना गतिविधि पूरी कर सकते हैं?
- उनसे पूछें कि उन्हें टीम के रूप में काम करके कैसा लगा? क्या वे इस बात की धैर्य पूर्वक प्रतीक्षा कर सके कि सामने वाले समूह का कार्य पूरा होने पर वे सामग्री दें?
- क्या वे अन्य समूह का तब तक इंतजार नहीं कर सके जब तक कि उन्होंने पूरी तरह से अपना ध्वज पूरा नहीं कर लिया?
- सामग्री की सहायता हेतु उन्होंने, सामने वाले ग्रुप से विनम्रता से पूछा या सीधे मांग की?
निष्कर्ष:
गुरू बच्चों के समक्ष, एक साथ काम करने एवं एक-दूसरे को जीवन में सफल होने के लिए सहायता करने के महत्व को प्रतिपादित करें।
इस गतिविधि के स्वरूप में एक छोटा सा परिवर्तन भी निम्नानुसार हो सकता है –
गुरू आवश्यक घटकों में से किसी सामग्री को स्वयं रख सकते हैं। उदाहरणार्थ, गोंद अथवा छड़ी। बच्चों की सामूहिक गतिविधि पूरी होने पर, गुरू झंडे को छड़ी के अंतिम स्पर्श के साथ समूहों को मदद कर सकते हैं।
तत्पश्चात् कुछ बिंदु प्रश्न रूप में बच्चों के समक्ष रखे जा सकते हैं जैसे:-
- गतिविधि को समाप्त करने के लिए गोंद महत्वपूर्ण था?
- क्या गुरू के लिए, केवल गोंद का उपयोग करके झंडा बनाना संभव था?
जैसा कि स्वामी कहते हैं – इंद्रियों और भावनाओं का प्रशिक्षण एक प्रक्रिया है जिसमें गुरू और शिष्य आपसी सहयोग करते हैं।
उपर्युक्त गतिविधि के माध्यम से यह समझना चाहिए कि सही तरह से सीखने के लिए गुरू एवं बच्चों को मिलकर काम करना होगा।