राजयोग
यह योग मन को वश में करने का मार्ग है। मन को शान्त कर, उसे आत्मा में लीन कर देने से जीव कैवल्य-अवस्था को प्राप्त कर लेता है। उसे ज्ञान हो जाता है कि वह प्रकृति से भिन्न, निर्दोष, निर्विकार, अनादि, अनन्त आत्मा है।
दृष्टांत
यद्यपि राजयोग सर्वश्रेष्ठ योग माना जाता है और अपने नाम के अनुसार दर्शाता है, कि भक्ति योग और ज्ञान योग से भी श्रेष्ठ है, परन्तु यह पूर्ण सत्य नहीं है। उदाहरण के लिए चांगदेव का ही प्रसंग जो महान हठयोगी थे। उन्होंने मृत्यु पर भी विजय प्राप्त कर ली थी। परन्तु ज्ञानेश्वर, उनके भाईयों और उनकी बहन के ज्ञान व भक्ति के बल के सामने उन्हें झुकना पड़ा और वे ज्ञानदेव के निष्ठावान शिष्य बन गए।