ईसाई धर्म

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ईसाई धर्म – प्रमुख शिक्षाएँ
  1. अपने दुश्मनों से भी प्रेम करो।
  2. जो आपसे घृणा करते हैं, उनके लिए भी अच्छा करो।
  3. उनको भी आशीर्वाद दो जो आपको बद्दुआ देते हों।
  4. कोई एक गाल पर मारे तो दूसरा भी आगे कर दो।
  5. देने के प्रत्युत्तर में कुछ पाने की अपेक्षा मत करो।
  6. जैसे परमपिता स्वर्ग में करुणापूर्ण हैं वैसे ही स्वयं बनो।
  7. किसी के प्रति वो कार्य न करो, जो तुम स्वयं के लिए नहीं चाहते हो।
  8. स्वयं को सुधारो दूसरों को नहीं।
  9. दूसरों के लिए न्याय का कार्य ईश्वर पर छोड़ दो।
  10. दूसरों को माफ करो, ईश्वर आपको माफ करेंगे।
  11. जिस काम की अपेक्षा अन्य से नहीं करते वो कार्य स्वयं मत करो।
  12. एक दूसरे से वैसा ही प्यार करो जैसा ईश्वर तुमसे करते हैं।
  13. क्षमा करो।
  14. भूले भटके बच्चे, का अपने पिता के घर सदैव स्वागत रहता है।
  15. ईश्वर प्रेम है, उनकी तरफ हमेशा प्रेमातुर रहो, यही आपके मध्य ईश्वरीय उपस्थिति जीवन भर परिलक्षित करती रहेगी।
  16. स्वर्ग का राज्य, आपके ही अंदर विराजमान है, उसको सर्वप्रथम स्वयं में तलाशो फिर स्वतः सब जुड़ता जाएगा।

ईसाई धर्म की प्रार्थना

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