मानवता

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मानवता

Abdullah wakes up hearing the angels conversation

एक बार अब्बदुल्ला मस्जिद में सो रहा था। अचानक जाग पड़ा। उसे दो देवदूत आपस में बातें करते सुनाई दिये। वे भगवान के कृपापात्रों के सम्बन्ध में बातें कर रहे थे। एक देवदूत दूसरे से कह रहा था, “सिकन्दरिया शहर में महबूब ने पूर्ण भगवद् अनुग्रह प्राप्त कर लिया है।” थोड़ी देर बाद वे दोनों देवदूत मस्जिद से चले गये। अब्दुल्ला को उनकी बातें सुनकर महबूब को देखने और जानने की जिज्ञासा हुई कि उसने भगवद् अनुग्रह कैसे प्राप्त किया है। वे दूसरे दिन ही सिकन्दरिया के लिए रवाना हो गया।

वहाँ पहुँचकर उसने सबसे महबूब के बारे में पूछा। उसे पता लगा कि वह एक गरीब मोची है। अब्दुल्ला ने उसके सम्बन्ध में और अधिक जानने की सोची और वह महबूब के आने-जाने तथा अन्य गतिविधियों पर नजर रखने लगा।

Abdullah giving costly food to the starving beggar

एक दिन महबूब एक घड़े में कुछ अच्छे खाद्य पदार्थ एक दुकान से तैयार करवाकर, जिनके लिए उसकी पत्नी की बहुत दिनों से बड़ी तीव्र अभिलाषा थी, लाया और जल्दी-जल्दी घर जा रहा था। इन खाद्य पदार्थों को खरीदने के लिए उसे बहुत दिनों तक पैसे जोड़ते रहना पड़ा था और जब इसके लिए आवश्यक पैसे इकट्ठे हो गये तो उसने वह खरीददारी की थी। महबूब सड़क पर चला जा रहा था अपने घर की ओर, तथा अब्बदुल्ला उसके पीछे कुछ दूरी पर चल रहा था।

कुछ आगे बढ़ा, तो महबूब ने देखा कि सड़क के किनारे एक ओर एक भिखारी भूख के कारण व्याकुल पड़ा है। उसे देखते ही महबूब का हृदय द्रवित हो गया। वह उसके पास गया और उसे उसके हाथ में खाने के पदार्थों से भरा पात्र रख दिया और प्रसन्नता के साथ बोला, “खाओ” भिखारी के मुख पर आश्चर्य और आनन्द छा गया। वह खाता हुआ, महबूब की ओर देखता हुआ अपना आनन्द और कृतज्ञता प्रकट कर रहा था। महबूब उसे इस प्रकार संतुष्ट और आनन्दित देख कर बड़ी प्रसन्नता और संतोष का अनुभव कर रहा था। अब्दुल्ला यह सब देख रहा था। दूसरों को आनन्दित देखकर ही महबूब को आनन्द प्राप्त होता था। दीन जनों के प्रति, सर्व जीवों के प्रति प्रेम ही सर्वेश्वर के प्रति प्रेम है। यह बात वह भली प्रकार जानता था और इसी के अनुसार व्यवहार करके वह भगवद् अनुग्रह प्राप्त कर सका था। अपनी पत्नी के लिए बड़े प्रेम के साथ लाये पदार्थ, एक भिखारी को खिलाकर कितना आनन्दित था वह। इससे स्पष्ट होता है उसका हृदय दया से कितना परिपूर्ण था, उसमें कितना निस्वार्थ प्रेम भरा था। ऐसे ही लोगों को भगवद् अनुग्रह की प्राप्ति होती है।

प्रश्न:
  1. अब्दुल्ला ने एक दिन मस्जिद में सोते समय क्या सुना?
  2. उसने सिकंदर के महबूब के बारे में क्या जाना?
  3. किस सत्कर्म तथा सद्भावना ने महबूब को ईश्वर का कृपा पात्र बनने का सम्मान दिया?

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