ॐ तत् सत्

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ॐ तत् सत्
उद्देश्य:

यह अनोखा खेल बच्चों की स्मरणशक्ति को मजबूत करता है और उसमे अंतर्निहित सर्वधर्म के मूल्यों को, और उनमें सार्वभौमिक एकता को सिखाता है।

संबद्ध मूल्य:
  • स्मरणशक्ति को बढ़ाना
  • सहनशीलता
  • भाईचारा
  • सराहना
  • समूह भावना
  • सर्वधर्म भजन गाना और सुनना।
आवश्यक सामग्री:
  1. सेट ए – चार कार्ड, प्रत्येक में धार्मिक प्रतीकों को दर्शाया गया है।
  2. सेट बी – सेट बी के प्रत्येक कार्ड में चार धर्मों से संबंधित कुछ अवधारणाओं का मिश्रण होगा।
  3. उदाहरण: एक कार्ड में बाइबिल, दिवाली, मक्का, गुरू नानक हो सकते हैं। एक अन्य कार्ड में ईद-उल-फितर, भगवद् गीता, जीसस क्राइस्ट, स्वर्ण मंदिर हो सकता है। अन्य कार्डों में चार धर्मों से संबंधित समान शब्द हो सकते हैं।
गुरू द्वारा पूर्व तैयारी:

गुरू कार्ड के उपरोक्त दो सेट तैयार करें एवं प्रत्येक धर्म के लिए सेट बी कार्ड पर इस्तेमाल किए गए सभी शब्दों की एक प्रति के रूप में उनसे संबंधित एक चेकलिस्ट भी तैयार करें।

नोट:प्रत्येक कार्ड में शब्दों की संख्या खेल खेलने वाले बच्चों की संख्या के आधार पर भिन्न हो सकती है।

कैसे खेलें
  1. गुरू बच्चों को एक गोल घेरे में खड़ा करवाएँ।
  2. पहले सेट के कार्ड गुरू स्वयं अपने पास रखें।
  3. सेट 2 के कार्ड को बच्चों में समान रूप से बाँट दें।
  4. ॐ तत् सत्, अथवा सर्वधर्म के किसी भी भजन की धुन बजने पर बच्चे गोल गोल घूमें।
  5. जैसे ही धुन रूके, बच्चे रुक जाएँ, गुरू एक कार्ड जिसमें धर्म चिन्ह हो दिखाएँ।
  6. उदाहरण के लिए, यदि कार्ड में यह चिन्ह निकले तब बच्चे अपने कार्ड्स में से ईसाई धर्म से संबंधित सभी शब्दों को बोलेंगे। (उदाहरण: बाइबिल, अपोस्टल्स,चर्च आदि)
  7. अब हर बच्चे को एक वाक्य बोलना होगा उंस शब्द से जो उसने बोला, (जैसे बाइबिल – ईसाइयों की पवित्र पुस्तक) सही उत्तर देने पर उत्साह वर्द्धन के लिए अतिरिक्त नंबर दिये जायें।
  8. गुरू अपनी उत्तर पत्रिका में देख लें, कोई शब्द यदि छूट गया हो, तो उस शब्द को भी समझाएँ।(जैसे यदि बच्चे अपोस्टल्स के बारे में नहीं बता पायें तो गुरू समझाएँ कि अपोस्टल्स का अर्थ है प्रचारक।)
  9. जब ईसाई धर्म के कार्ड खत्म हो जाएँ तब अन्य तीन धर्मों को लेकर भी इसी तरह खेल जारी रखें।
विविधता:

समूह 2 के लिए

  1. सेट A कार्ड्स में 6 या 7 चिन्ह होने चाहिए सभी धर्मों के। सेट B में विभिन्न धर्मो से संबंधित विषयवस्तु जरूर हो। खेल की पद्धति वही रहेगी।
  2. धर्म के अलावा, सेट A में उत्सव, सन्त/प्रवर्तक, धर्मस्थल, धर्मग्रंथ, पूजा/इबादत के स्थल को लिखें।
  3. सेट B कार्ड में, उत्सवों के नाम, पवित्र ग्रन्थ, आदि हों। हर कार्ड में एक नाम, पवित्र ग्रन्थ या उत्सव आदि हों।
  4. जब गुरू, पवित्र ग्रन्थ का नाम पुकारें, बच्चों को उससे संबंधित सभी धर्मों के कार्ड दिखाने होंगे।

इस खेल के माध्यम बच्चे सभी धर्मों में अंतर्निहित मूल्य और एकात्मता को सरलतापूर्वक समझ जायेंगे।, “हम सब एक ही ईश्वर की सन्तान, और सब भाई-भाई हैं।”

गुरू, स्वामी की इस शिक्षा पर प्रकाश डालें कि सभी धर्म एक ही ईश्वर की ओर ले जाते हैं जो प्रेमस्वरूप हैं। हमको सभी धर्मो का सम्मान करना चाहिए। यही साई पथ है।

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