ओंकार रूपिणी जननी माँ

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मंदिर-संस्करण

भजन
  • ओंकार रूपिणी जननी माँ
  • मंगल करिणी जननी माँ
  • ओंकार रूपिणी जननी माँ
  • गान विनोदिनी जननी माँ
  • आनंद दायिनी जननी माँ
  • जननी माँ पर्तिश्वरी माँ – 2
अर्थ

हे पर्ती निवासिनी साई माता, आप प्रणव ध्वनि ओंकार की अवतार हैं। आप सभी को मंगल एवं सुख प्रदान करती। आप नाद प्रिय और सुमधुर भावपूर्ण संगीत से मुग्ध होती हैं।

व्याख्या
ओंकार रूपिणी जननी माँ हे दिव्य माता! आप आदि ऊर्जा हैं, इस ब्रह्मांड में प्रत्येक की मूल स्रोत हैं।
मंगल करिणी जननी माँ हे दिव्य माता! आप सभी मंगल और शुभ कार्यों की आधारभूत प्रणेता हैं।
ओंकार रूपिणी जननी माँ हे दिव्य माता! आप आदि ऊर्जा हैं, इस ब्रह्मांड में प्रत्येक की मूल स्रोत हैं।
गान विनोदिनी जननी माँ हे देवी माँ! आप वही हैं जो भावपूर्ण संगीत से आनंदित होती हैं।
आनंद दायिनी जननी माँ हे दिव्य माता! आप ही वह हैं, जो हमें आनंद से भरती और परिपूर्ण करती हैं।
जननी माँ पर्तीश्वरी माँ हे दिव्य माता! आप पुट्टपर्त्ती की आराध्य देवी हैं। अब आप सत्य साई के रूप मे विराजित हैं।

राग: मेघ (हिंदुस्तानी) या मध्यमावती (कर्नाटक)

श्रुति: सी# (पंचम)(Pancham)

बीट (ताल): कहरवा या आदि तालम – 8 बीट

भारतीय संकेतन
पश्चिमी संकेतन

Adopted from : https://archive.sssmediacentre.org/journals/vol_13/01JUN15/bhajan-tutor-omkara-roopini.htm

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