पन्नग शयना

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बोल

धुन

अर्थ

बातचीत

राग

मंदिर-संस्करण

बोल
  • पन्नग शयना कलि अवतारा
  • नारायणा हरि ॐ
  • परम निरंजन नीरज नयना
  • साईश्वराय हरि ॐ
  • बुद्धि प्रदायक पाप विनाशक
  • सत्य सनातन तुम हो
  • दीनानाथ हे प्रभु परमेश्वर
  • करुणा सागर तुम हो
अर्थ

शेष नाग पर विश्राम करने वाले भगवान नारायण। हे देवों के देव! आप कलियुग के अवतार हैं। हम इन्हीं कमल-नेत्र वाले भगवान की पूजा करते हैं। हे परम पावन अवतार भगवान साई, आप मुक्तिदायक ज्ञान देने वाले, पापों का नाश करने वाले हैं। आप शाश्वत वास्तविकता हैं। दीन-हीनों के तारणहार, दया के सागर हैं।

व्याख्या
पन्नग शयना कलि अवतारा हे भगवान, आप दिव्य सर्प आदि शेष पर विश्राम करने वाले के रूप में पूजे जाते हैं। आप ही वास्तव में हमारी इंद्रियों के स्वामी हैं। आप वह हैं जो वर्तमान समय में मानव जाति को कष्ट से मुक्त करने के लिए मानव रूप में अवतरित् हुए हैं।
नारायणा हरि ॐ हे प्रभु, आप अविनाशी आदि अनंत हैं। आप हमारे आध्यात्मिक पथ पर आने वाली सभी बाधाओं को समाप्त करते हैं।
परम निरंजन नीरज नयना हे भगवान, आप परम पुरुष हैं, जो नितांत दोषरहित हैं। कमल-नेत्र वाले भगवान हैं, जो सदा आनंदमय हैं।
साईश्वराय हरि ॐ हे प्रभु साई! आप वास्तव में सर्वव्यापी हैं, आदि ध्वनि ‘ॐ’ के रचयिता हैं।
बुद्धि प्रदायक पाप विनाशक हे भगवन! आप ही एकमात्र हैं जो हमें उच्च बुद्धि प्रदान कर सकते हैं और हमारे पापों को नष्ट कर सकते हैं।
सत्य सनातन तुम हो हे भगवान सत्य साई! आप ही परम कालातीत सत्य के अवतार हैं।
दीनानाथ हे प्रभु परमेश्वर हम दीन हीन आपको पुकारते हैं। हे परमेश्वर, हम सभी को तारने वाले भगवान, आप ही संकट में सदैव उत्पीड़न से हमारी रक्षा करते हो।
करुणा सागर तुम हो हे भगवन! आप वास्तव में करुणा के महासागर हो।

राग – मुख्यतः किरवानी पर आधारित है।

श्रुति: एफ# (पंचम)

बीट (ताल): कहरवा या आदि तालम – 8 बीट

भारतीय संकेतन
पश्चिमी संकेतन

Adopted from : https://archive.sssmediacentre.org/journals/vol_12/01JUL14/Pannaga-Shayana-Kali-Avatara-radiosai-bhajan-tutor.htm

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