प्रेम ईश्वर है

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अर्थ

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मंदिर-संस्करण

भजन
  • प्रेम ईश्वर है, ईश्वर प्रेम है
  • हर धड़कन में साई समा है, ईश्वर प्रेम है
  • प्रेम ईश्वर है, ईश्वर प्रेम है
  • राम रहीम कृष्ण करीम
  • ज़ोहराष्ट्र येशु नानक
  • कोई भी नाम जपो रे मनवा ईश्वर प्रेम है।।
अर्थ

ईश्वर प्रेम है; प्रेम ही ईश्वर है। भगवान साई प्रत्येक हृदय में धड़कन के रूप में व्याप्त हैं जो प्रतिक्षण इस बात को बताती है कि ईश्वर प्रेम है। हे मन! भगवान के किसी भी नाम की पूजा कर: राम, कृष्ण, रहीम, ज़ोहराष्ट्र, जीसस या नानक, क्योंकि सभी नाम और रूप प्रेम, और केवल प्रेम हैं। ईश्वर प्रेम है: प्रेम ही ईश्वर है।

व्याख्या
प्रेम ईश्वर है, ईश्वर प्रेम है हम उस सर्वोच्च भगवान की महिमा का गान करते हैं जो शुद्ध और निःस्वार्थ प्रेम के अलावा और कुछ नहीं हैं।
हर धड़कन में साई समा है, ईश्वर प्रेम है हे प्रभु साई! आप ही वह हैं जो हर धड़कन के साथ हमारे भीतर गूंजते हैं। आप वह प्रेम हैं जो इस ब्रह्मांड को अनुप्राणित करता है।
प्रेम ईश्वर है, ईश्वर प्रेम है हम उस सर्वोच्च भगवान की महिमा का गान करते हैं जो शुद्ध और निःस्वार्थ प्रेम के अलावा और कुछ नहीं हैं।
राम रहीम कृष्ण करीम हम आनंद (राम), परम दयालु (रहीम), आकर्षक (कृष्ण), और सबसे उदार सर्वशक्तिमान (करीम) स्वरूप ईश्वर को पुकारते हैं।
ज़ोहराष्ट्र येशु नानक हे सर्वव्यापी भगवान! आप तो स्वर्णिम प्रकाश युक्त (ज़ोहराष्ट्र), सभी अच्छाई का अवतार (यीशु), एवं अद्वितीय (नानक) हैं।
कोई भी नाम जपो रे मनवा ईश्वर प्रेम है हम आपको किसी भी नाम से पुकारें, आप सर्वोच्च हैं जो केवल प्रेम और प्रेम के रूप में प्रकट होते हैं।

राग: मोटे तौर पर राग जोग पर आधारित

श्रुति: सी (पंचम)

बीट (ताल): कहरवा या आदि तालम – 8 बीट

भारतीय संकेतन
पश्चिमी संकेतन

Adopted from : https://archive.sssmediacentre.org/journals/vol_11/01DEC13/bhajan-tutor-Prem-Eshwar-Hai.htm

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