रघुकुल भूषण

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मंदिर-संस्करण

भजन
  • रघुकुल भूषण राजीव नयना
  • ईश्वराम्बा नंदन सत्य साई रामा
  • जानकी वल्लभ लावण्य रामा
  • निरुपम सुंदर सुगुणाभि रामा
  • प्रशांति निलया पावन धामा
  • जय जय रामा प्रभु साई रामा (2)
अर्थ

रघुवंश के रत्न, कमलनयन भगवान राम की जय हो। भगवान सत्य साई राम माँ ईश्वराम्बा के प्रिय पुत्र हैं। जानकी (सीता) के प्रिय, अत्यंत सुंदर भगवान राम, जो सुंदर-रंग वाले और सबसे गुणी हैं। उस राम की जय हो जो पवित्र प्रशांति निलयम के हमारे भगवान साई राम हैं।

व्याख्या
रघुकुल भूषण राजीव नयना हे रघुवंश शिरोमणि, कमल के समान सुंदर नेत्र वाले प्रभु राम।
ईश्वराम्बा नंदन सत्य साई रामा ईश्वराम्बा के प्रिय पुत्र, सत्य स्वरूप साई, आप राम के ही अवतार हैं।
जानकी वल्लभ लावण्य रामा हे जानकीनाथ भगवान राम, आपकी छबि अत्यंत सुंदर है। आप प्रकृति के स्वामी हैं।
निरूपम सुंदर सुगुणाभि रामा हे अद्वितीय मनमोहक स्वरूप वाले राम, आप सभी श्रेष्ठ गुणों की खान हैं।
प्रशांति निलया पावन धामा हे साई राम। आपने अपने दिव्य निवास के रूप में प्रशांति निलयम को चुना तथा अपने दैविक स्पर्श से इसे पावन कर दिया।
जय जय रामा प्रभु साई रामा श्री राम की जय। श्री साई राम की जय।

राग: मधुवंती (हिंदुस्तानी), धर्मवती (कर्नाटक)

श्रुति: सी# (पंचम)

बीट (ताल): कहरवा या आदि तालम – 8 बीट

भारतीय संकेतन

Adopted from : https://archive.sssmediacentre.org/journals/vol_13/01MAR15/bhajan-tutor-Raghukula-Bhushana-Rajiva-Nayana.htm

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