श्रवण-अनुभूति संगीत

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श्रवण-अनुभूति संगीत

मेरे प्यारे बच्चों!

आराम की स्थिति में बैठें। अपनी सांँस देखें। अब धीरे से अपनी आँखें बंद करें।

आप भगवान साई के मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं और मधुर संगीत सुन रहे हैं। सभी लोग अपने नेत्र बंद करके अपने तीसरे आंतरिक नेत्र से प्रभु के दर्शन कर रहे हैं। भजन शुरू हो गए हैं। भजन इतने भावपूर्ण हैं कि आप उसमें डूब गए हैं और प्रेममय ईश्वर के साथ एकाकार हो गए हैं।

गीत कानों से प्रवेश करता है, आपके दिल को छूता है, आपके दिमाग को पिघला देता है और आपके विचारों को सुकून देता है। हमारे भगवान आपको आश्वासन देते हैं “जब मैं यहाँ हूँ तो भय कैसा” हाँ! उनके चरणकमल सदैव हमारे निकट और प्रिय हैं। उनके चरणों को ऐसे कसकर पकड़ें जैसे बच्चा प्यार करने वाली माँ को पकड़ता है। साई मांँ की ममता हजार माताओं की ममता है।

धीरे-धीरे मांँ साई का हाथ पकड़कर दिव्य अवस्था से बाहर आएंँ और अपनी आंखें खोलें।

प्रश्न:
  1. आपने मंदिर में क्या देखा?
  2. आपने कौन सा भजन गाया?

[Source : Silence to Sai-lens – A Handbook for Children, Parents and Teachers by Chithra Narayan & Gayeetree Ramchurn Samboo MSK – A Institute of Sathya Sai Education – Mauritius Publications]

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