जंगल
जंगल की सैर
बच्चे, आरामदायक स्थिति में बैठें। शरीर को विश्रांति की स्थिति में रखें। आप शांतिपूर्ण और प्रसन्न महसूस कर रहे हैं। अब हम जंगल में टहलने जाएंँगे।
हमने पैरों में नरम आरामदायक जूते पहने हैं। हम पेड़ों के बीच ताजी ठंडी हवा में सांँस ले रहे हैं। यहाँ के पेड़ इतने ऊँचे हैं, जो आसमान को छू रहे हैं। गिरे हुए पत्तों के कारण रास्ता नरम है। हम ऊँचे पेड़ों की डालियों की कोमल सरसराहट और पक्षियों की चहचहाहट सुन सकते हैं। कैसे वे एक नए दिन की महिमा के लिए गाते प्रतीत होते हैं। सुबह के सूरज की किरणें, पेड़ों के बीच से छनकर आ रही हैं और रास्ते पर सुनहरे धब्बे बना रही हैं जो चमचमाते हीरे की तरह चमकते हैं।
बहुरंगी जंगली फूल बहुत सुंदर लगते हैं। पत्तों की महक और फूलों की महक कितनी ताजगी देती है। क्या आपको कोई गिलहरी, खरगोश या पक्षी दिखाई दे रहे हैं? वे सभी खुश हैं, जंंगल में शांति का आनंद ले रहे हैं। आगे जंगल में, आप एक धारा की मधुर कलकल की आवाज सुन सकते हैं। शुद्ध, स्वच्छ और जगमगाता पानी नीचे बहता है क्योंकि धारा एक गीत गाती है जिसमें सभी पक्षियों और जानवरों को अपना पानी साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। अहा!यह तो स्वर्ग है। आइए हम यहांँ कुछ देर आराम करें, गहरी सांँस लें और छोड़ें।
अब लौटने का समय आ गया है। हम निश्चित रूप से किसी और दिन नए दोस्तों, पक्षियों और जानवरों से मिलने आएंँगे। अब तुम वापस कमरे में हो। धीरे-धीरे आंँखें खोलो। जंगल की ताजगी और खामोशी को महसूस करते हुए इसे पूरे दिन अपने पास रखें।
गतिविधि:
जंगल में आपने जो देखा उसका चित्र बनाइए।
[संदर्भ: ‘साइलेंस टू साई-लेंस’- ए हैंडबुक फॉर चिल्ड्रेन, पेरेंट्स एंड टीचर्स द्वारा चित्रा नारायण एंड गायत्री रामचरण सांबू एमएसके – सत्य साई शिक्षा संस्थान – मॉरीशस प्रकाशन]