तीन सर्वोत्तम चीजें

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तीन सर्वोत्तम चीजें

एक राजा, उससे भेंट करने आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से तीन विचित्र प्रश्न पूछा करता था| पहला प्रश्न, मनुष्यों में श्रेष्ठ कौन है? दूसरा प्रश्न सबसे अच्छा समय [काल] क्या है? तीसरा सभी कार्यों में सब से अच्छा कार्य क्या है? इन तीनों प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए राजा बहुत उत्सुक था| एक दिन वह जंगल में जाकर हरियाली युक्त पहाड़ी प्रदेशों में चल रहा था| तभी उसे एक आश्रम दिखाई दिया| वहाँ जाकर विश्राम करने के उद्देश्य से वह आश्रम के समीप पहुँचा| वहाँ एक साधु पौधों को पानी सींच रहे थे| साधु ने राजा को देखकर बड़े प्यार और आदर के साथ उसका स्वागत किया|

king sees Sadhu treating the wounds of a man

खाने के लिए कुछ पके हुए फल और पीने के लिए शीतल जल देकर उनका सत्कार किया| इतने में एक अन्य साधु, घायल अवस्था में एक आदमी को लेकर वहाँ आये| उस घायल व्यक्ति को देखकर पहले साधु ने शीघ्रता पूर्वक उसके पास जाकर उसके घावों को साफ़ किया| उसपर मरहम पट्टी बाँधकर, खाने के लिए कुछ जड़ी-बूटी भी दी| तथा उसके साथ सहानुभूति पूर्वक बातें करते हुए उसे आश्वस्त किया| राजा उनको धन्यवाद देकर उनसे बिदा लेना चाहता था| लेकिन राजा तो अपने तीन प्रश्नों के बारे में सोच-सोचकर विचलित हो रहा था| उसे विश्वास हो गया कि सिर्फ यह साधु ही ठीक उत्तर देकर, उसे इस उलझन से छुड़ाकर शांत कर सकते हैं|

कुछ समय बीतने के पश्चात्, अंत में राजा ने उनसे अपने वे तीन प्रश्न पूछ ही लिए| साधु ने राजा का समाधान करते हुए कहा कि राजा के आश्रम में रहते समय जो-जो घटनायें हुईं, उनमें ही इन प्रश्नों के उत्तर छिपे हुए हैं| जब राजा आश्रम में आया तब साधु पौधों को पानी सींच रहे थे| वह उनका कर्त्तव्य था| उसी समय राजा को देखते ही वे कर्त्तव्य को छोड़ उसके पास आकर उसे फल और पानी देकर उनका सत्कार किया| अतिथि का आदर करना यह उनका शिष्टाचार था| राजा की भूख-प्यास, थकावट दूर करने के बाद, जैसे ही दूसरा घायल व्यक्ति आश्रम में आया| तब साधु राजा को छोड़कर घायल आदमी की सेवा करने लगे|

“ठीक समय पर जो कोई, एक आवश्यक स्थिति में, तुम्हारे पास आकर तुम्हें निस्वार्थ सेवा करने के लिए, एक दुर्लभ मौका देता है, वही उस समय का श्रेष्ठ व्यक्ति कहलाता है| उसको मानसिक संतुष्टि देते हुए जो सेवा तुम करते हो वही सब से श्रेष्ठ सेवा है| अभी जो वर्तमानकाल चल रहा है वही सबसे पवित्र और श्रेष्ठ समय है जिसका उपयोग तुम सत्कर्म में कर सकते हो”| यही राजा के प्रश्नों के लिए उचित उत्तर बने|

प्रश्न
  1. राजा द्वारा रखे गए तीन प्रश्न क्या थे?
  2. उसने एक साधु के आश्रम में क्या देखा?
  3. साधु ने राजा के प्रश्नों के उत्तर कैसे दिये?

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