या कुन्देन्दु
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श्लोकाचे बोल
- या कुन्देन्दुतुषारहारधवला
- या शुभ्रवस्त्रावृता
- या वीणावरदण्डमण्डितकरा
- या श्वेतपद्मासना
- या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभि: देवै
- सदावन्दिता
- सा मांपातुसरस्वतीभगवती
- निःशेषजाड्यापहा
अर्थ
आमच्या अज्ञानाचा समूळ नाश करणारी देवी सरस्वती आमचे रक्षण करो. ती देवी जी कुन्दाच्या फुलाप्रमाणे सतेज आहे. बर्फाप्रमाणे आणि दवबिंदूप्रमाणे दिसणाऱ्या मोत्यांच्या हाराप्रमाणे गौर शुभ्र वस्त्र धारण केलेली श्वेत कमळावर आसनस्थ आहे, जिने वीणा धारण केली आहे, आणि ब्रह्मा विष्णू व शंकरासारखे श्रेष्ठ देव ही जिला वंदन करतात, ती देवी सरस्वती आमचे रक्षण करो व आमच्यातील अहम समूळ नाश करो. (ही प्रार्थना).
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स्पष्टीकरण
या | जी (देवी सरस्वती) |
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कुन्द | एक पांढरे स्वच्छ सुगंधी फूल |
इन्दु | चंद्र |
तुषार | हिम, दवबिंदु, स्वच्छ |
हार | माळ, माला |
धवला | पांढरी शुभ, शुध्द |
शुभ्र | पांढरे, डागविरहित, शुध्द |
वस्त्र | कपडे |
आवृता | परिधान केलेली |
वीणा | एक तंतुवाद्य |
वर | श्रेष्ठ, सुंदरतम असा तो |
दण्ड | वीणेचा दांडा, वीणेचा भोपळयावरील सरळ मानेचा भाग |
मण्डित | अलंकृत, सुभूषित |
करा | कर म्हणजे हात |
श्वेत | सफेद, पांढरेशुभ्र |
पद्म | कमळ |
आसना | आसनावर बसली आहे ती (देवी सरस्वती) |
ब्रह्मा | ब्रह्म देव |
अच्युत | भगवान् विष्णू (जो कधीही पराभूत न होणारा) |
शंकर | शिव, कल्याण प्रसृत करणारा, शाश्वत आनंद देणारा |
प्रभृतिभिः | ज्याला प्रभा आहे तो |
सदा | नेहमी |
वन्दिता | वन्द म्हणजे नमस्कार करणे. वंदन केले आहे. (अशी ती देवी सरस्वती) |
सा | ती (देवी) |
मां | माझे |
पातु | संरक्षण करो |
सरस्वती | विद्येची व वाणीची देवता |
भगवती | देवी |
निःशेषजाड्यापहा | निशेष-समूळ, संपूर्णतया, मंदपणा, अज्ञान दूर करणारी |
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
- Lectures: 2
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