घर पर पर्यावरण के अनुकूल (इको फ्रेंडली) गणपति प्रतिमा का निर्माण करना

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घर पर पर्यावरण के अनुकूल (इको फ्रेंडली) गणपति प्रतिमा का निर्माण करना

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन का त्यौहार है। भगवान गणेश की मूर्तियों को घरों या सार्वजनिक स्थानों पर अधिकतम 10 दिनों या उससे कम समय के लिए रखा जाता है और फिर मूर्ति को एक जल स्त्रोत में विसर्जित कर दिया जाता है। इसे विसर्जन के नाम से जाना जाता है। आज, लोगों ने महसूस किया है कि धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ हमारे पर्यावरण को बचाने और संरक्षित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। परंपरागत रूप से, गणेश की मूर्तियों को प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनाया जाता है, जिन्हें ग्लिटर (चमकीली वस्तुओं) से चित्रित और सजाया जाता है। जब ये जल निकायों में डूब जाते हैं तो वे पानी को प्रदूषित करते हैं।

मिट्टी या कागज़ की लुगदी से बनी गणेश मूर्तियाँ पर्यावरण के लिए एक बेहतर सोच है। यह सुनिश्चित करता है कि हमारे जल निकाय बच गए हैं। हमारा स्वास्थ्य भी सुरक्षित है और यह जलीय जानवरों और पौधों को पानी में पनपना जारी रखने की अनुमति देता है।

अच्छी खबर यह है कि हम अपने घरों में ही मिट्टी से गणेश की मूर्तियाँ बना सकते हैं और अगर आप यह जानना चाहते हैं कि इसको आसानी से कैसे बनाया जाए, तो हमारे पास यहां एक वीडियो है जो मदद करेगा। यह कदम दर कदम बताता है कि कैसे अपने घर में सिर्फ मिट्टी के साथ एक स्थायी गणेश की मूर्ति बना सकते हैं।

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