विवेक
उद्देश्य:
इस गतिविधि का उद्देश्य बच्चों को इस तथ्य से अवगत कराना है कि ईश्वर, माता-पिता, गुरू और शिक्षक उन्हें सही रास्ते पर ले जाते हैं और इसलिए उनकी शिक्षाओं का पालन किया जाना चाहिए।
संबंधित मूल्य:
- स्मृति
- सजगता
- विवेक पूर्ण अंतर करना
आवश्यक सामग्री:
कोई भी नहीं
गुरुओं के लिए प्रारंभिक कार्य:
कोई भी नहीं
कैसे खेलें:
- बच्चों को एक पंक्ति में खड़ा किया जाता है।
- गुरू खेल के संबंध में जानकारी देते हैं कि यह खेल आज्ञाओं का पालन करने के बारे में है।
- बच्चों को केवल उन्हीं आदेशों का पालन करना चाहिए जिसमें ‘भगवान/माता/पिता/गुरू/शिक्षक – कहते हैं’ शब्द से पहले हों।
- उदाहरण के लिए- भगवान कहते हैं – “हाथ मिलाओ” ।
- माँ कहती हैं – “मुस्कुराओ”। ऐसी आज्ञाओं का पालन करना चाहिए।
- दूसरी ओर यदि केवल आज्ञा दी जाये ‘बैठ जाओ’, तो बच्चे आज्ञा न मानकर खड़े रहेंगे। क्योंकि उसमें माँ कहती हैं या शिक्षक कहते हैं, इस प्रकार से नहीं कहा गया है।
गुरुओं को सुझाव:
- खेल में दिए गए आदेश बच्चों में मूल्यों को बढ़ावा देने वाले होने चाहिए।
- कोई नकारात्मक आदेश नहीं दिया जाना चाहिए।