अपने शरीर को स्थिर करें
शिक्षक/गुरू अभ्यास की पंक्तियों को धीरे-धीरे पढ़ते हैं, जहाँ बिंदु हैं वहाँ पर रुकते हैं … पानी और प्राकृतिक ध्वनियों का कुछ संगीत बजाएंँ, जैसे व्हेल की आवाज़ें। |
बिलकुल शान्त स्थिर बैठ जाएंँ और अपने पैरों को मोड़ लें। (बच्चे जहांँ खड़े थे वहीं बैठ जाएँ )।
अपनी पीठ सीधी रखें।
अपने हाथ घुटनों पर रखें। ।
अब गहरी सांँस लेना है … और धीरे श्वास् बाहर छोड़ें …
चलो अब कोशिश करते हैं …
अपने शरीर के हर अंग को स्थिर रखें और ध्यान दें, कि कमरा कितना शांत है।
अगर आप चाहें तो अपनी आंँखें बंद कर लें (5 सेकंड के लिए रुकें)
कक्षा के बाहर की आवाजें सुनें
धीरे-धीरे अपने शरीर को आराम की अवस्था में रखें और मुस्कुराते हुए आँखें खोलें।
अब चुपचाप अपने स्थान पर खड़े हो जाओ और सब करीब आ जाओ। बैठ जाओ।
परिचर्चा:
- आपने कौन सी आवाजें सुनीं। चर्चा करना।
- जब आप चुपचाप बैठे थे तो आपने क्या सोचा था?
- आपने कैसा महसूस किया?
- यदि आपने शांत समय का आनंद लिया है तो अपना हाथ ऊपर उठाएँ।
[संदर्भ: मानव मूल्यों में सत्य साई शिक्षा के लिए एक पाठ्यक्रम कैरल एल्डरमैन द्वारा चरित्र और भावनात्मक साक्षरता का विकास]