सायलेंस, साईं-लेंस है – (मौन, साई की दिव्य दृष्टि है)।
उद्देश्य:
इस गतिविधि का उद्देश्य बच्चों को किसी भी विषम परिस्थिति में अपना संयम न खोने की मानसिक शक्ति का निर्माण करना है।
समन्वित मूल्य:
- आत्म – संयम
- धैर्य
- शांति
- मौन।
आवश्यक सामग्री:
कुछ नहीं।
गुरू के लिए प्रारंभिक कार्य:
कोई नहीं।
कैसे खेलें:
- गुरू कक्षा को दो समूहों में विभाजित करते हैं।
- ग्रुप ए का एक बच्चा सामने आता है और चुपचाप बैठ जाता है।
- तत्पश्चात्, ग्रुप बी के बच्चों द्वारा, मौन बैठे बच्चे को बिना छुए विभिन्न तरीकों (मजाक, मजाकिया हरकतें आदि) से परेशान करने की कोशिश करना होती है।
- यदि वह अंत तक मौन रह सकता है, उनकी शरारतों से विचलित हुए बिना, वह अपने समूह के लिए एक अंक प्राप्त करता है और फिर से उसके ही समूह से एक लड़का आता है और उसके स्थान पर बैठता है।
- लेकिन, यदि वह मज़ाक से परेशान हो जाता है और बीच में ही अपनी चुप्पी छोड़ देता है, तो वह खेल से बाहर हो जाता है और ग्रुप बी को एक अंक मिलता है।
- अब ग्रुप बी से एक लड़का सामने आकर बैठ जाता है और ग्रुप ए के बच्चे उसे परेशान करने की कोशिश करते हैं।
- खेल इसी प्रकार जारी रहता है और सबसे अधिक अंक वाली टीम विजेता बनती है।