नौकर के प्रति
हमारे जीवन में ऐसी बहुत सी घटनाएंँ होती हैं जिनसे हम अपने घरों में नौकरों की स्थिति और संबंध को समझ सकते हैं। वे किस तरह हमारे जीवन से जुड़ जाते हैं और हमारा उनसे कैसा सम्बन्ध बन जाता है?
एक महिला के सामने कोई समस्या थी और वह इस मामले में बाबा की सलाह लेने जाना चाहती थी। उसने अपने नौकर को साथ लेकर पुट्टपर्ती जाने की तैयारी कर ली। वे जाना ही चाहते थे कि उनका पुत्र घर आ गया जो कहीं दूर पढ़ता था। इस पर महिला ने अपने बालक नौकर से कहा कि अब उसे साथ जाने की जरूरत नहीं है। वह अपने पुत्र के साथ बाबा के पास चली गई। बाबा ने इंटरव्यू दिया और उन्होंने घर वापस जाने की अनुमति ली। वे बाबा के अपने प्रति स्नेह और दया के कारण बहुत ही प्रसन्न थी। किन्तु जैसे ही वह घर पहुँची तो घर बाबा द्वारा भेजा एक तार मिला जिसमें अत्यावश्यक कार्य से उन्हें पुट्टपर्ती बुलाया था। अब तब उसका पुत्र अपनी पढ़ाई के लिए बाहर जा चुका था। महिला अपने उसी बाल सेवक को साथ लेकर पुट्टपर्ती गई। जब वह वहाँ पहुँची तो उसने बाबा से पूछा कि आपने मुझे कौन से जरूरी काम से बुलाया ? बाबा ने कहा कि मैंने तुम्हें इस बालक के कारण बुलाया है। क्या तुम जानती हो कि जब तुम इसे पिछली बार छोड़कर आई तो वह कितना रोया था और कितना हताश हो गया था? इसीलिए मैंने तुम्हें फिर से बुलाया है। जिस प्रकार तुम्हें और तुम्हारे पुत्र को मेरे दर्शनों से आनंद और संतोष हुआ है उसी तरह इसे भी मिला है। वह एक पवित्र हृदय महिला बनकर घर वापस गई।
यह भी कहा जाता है कि जब बाबा किसी के घर जाते है और भले ही वहाँ कितने ही महत्वपूर्ण व्यक्ति उनके दर्शनों के लिए रूके हों, वे पहले घर के सेवकों और रसोईयों से उनके कुशल समाचार पूछते हैं। उसके बाद ही वे बड़े आदमियों या मेजबान की तरफ देखते हैं। एक बार एक उच्च पदाधिकारी बाबा के दर्शनों के लिए पुट्टपर्ती अपने परिवार सहित आया। बाबा ने उसे परिवार सहित मिलने के लिए बुलाया। बाबा का पहला प्रश्न था क्या तुम चार व्यक्ति ही आये हो ? तुम्हारे साथ आये अन्य व्यक्ति कहाँ है ? उसने कहा हमारे परिवार में हम केवल चार व्यक्ति हैं बाबा ने कहा, क्या तुम अपने साथ सेवक नहीं लाये ? जाओ उसे भी अपने साथ मेरे पास ले आओ।
भगवान की दृष्टि में हममें और नौकरों के बीच कोई अन्तर नहीं है। बाबा ने कई बार हमारे घरों के बिल्ली और कुत्तों को भी हमारे समान ही प्रेम दिया है। मूक पशु होने पर भी उनकी नजरों में वे हमारे परिवार के सदस्य और सहयोगी हैं।