- साई अवतारा युग अवतारा
- दीना दयाला संकट हारा
- साई अवतारा युग अवतारा
- साई ब्रह्मा साई विष्णु
- साई महेश्वरा
- साई अवतारा युग अवतारा
- सत्य साई प्रेम साई
- सब धर्मों के बाबा साई
- साई परमेश्वरा
साई अवतारा युग अवतारा
भजन
अर्थ
हे सर्वोच्च भगवान साई। हे कलियुग के अवतार! आप दीनजनों के रक्षक हैं, संकटों को दूर करने वाले हैं। आप ब्रह्मा (निर्माता), विष्णु (पालक) और महेश्वर (बुराई का नाश करने वाले) भक्तों के प्रिय साई हैं। सभी धर्मों से प्रेम करने वाले, देवाधिदेव, भगवान सत्य साई, प्रेम साई का नाम जपें।
व्याख्या
साई अवतारा युग अवतारा | युगावतार भगवान साई को नमस्कार। |
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दीना दयाला संकट हारा | हे साई प्रभु! आप तो अत्यंत दयालु हैं। हमारी बाधाओं को दूर करते हैं एवं संकटग्रस्त तथा असहायों के रक्षक हैं। |
साई अवतारा युग अवतारा | युगावतार भगवान साई को नमस्कार। |
साई ब्रह्मा साई विष्णु | हे प्रभु साई, आप ब्रह्मा और विष्णु हैं। |
साई महेश्वरा | हे प्रभु साई, आप भगवान शिव भी हैं। |
साई अवतारा युग अवतारा | युगावतार भगवान साई को नमस्कार। |
सत्य साई प्रेम साई | हे प्रभु साई, आप सत्य और विशुद्ध दिव्य प्रेम के अवतार हैं। |
सब धर्मों के बाबा साई | प्रभु साई, आप सभी धर्मों के पिता हैं। |
साई परमेश्वरा | हे ब्रह्मांड के परमेश्वर साई। |
रागः चारुकेशी
श्रुति: जी# (पंचम)
बीट (ताल): कहरवा या आदि तालम – 8 बीट
भारतीय संकेतन
पश्चिमी संकेतन
Adopted from : https://archive.sssmediacentre.org/journals/vol_12/01DEC14/bhajan-tutor-Sai-Avatara-Yuga-Avatara.htm