सनातन धर्म

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सनातन धर्म – मुख्य शिक्षाएँ
  1. ईश्वर सभी में आत्मा (दिव्यात्मा स्वरूप) के रूप में मौजूद है।
  2. इसलिए वही आत्मा सभी प्राणियों को ईश्वर (ब्रह्म) से जोड़ती है।
  3. ईश्वर हर चीज में और हर जगह मौजूद है।
  4. सुख और दुख हमारी अपनी निर्मिती हैं और हमारे द्वारा किए गए कर्म या क्रिया पर आधारित हैं (कर्म का नियम)।
  5. मनुष्य का बार-बार पुनर्जन्म तब तक होता है जब तक वह अंत में मोक्ष प्राप्त नहीं कर लेता।
  6. ईश्वर पृथ्वी पर बार-बार अवतरित होते हैं, ताकि धर्म को पुनर्स्थापित किया जा सके और मानव जाति को धर्म के मार्ग पर ले जाया जा सके (अवतार की अवधारणा)।
  7. सभी रास्ते ईश्वर की ओर ले जाते हैं।
  8. ईश्वर की प्राप्ति मानव जीवन का लक्ष्य है (चार पुरुषार्थ – धर्म अर्थ काम और मोक्ष)।
  9. धर्म हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है।
भगवान की दिव्य वाणी में गायत्री मंत्र जप का महत्व

17 मार्च 1983 को दिए गए प्रवचन के अंश

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