जगदीश्वरी जय माता भवानी

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मंदिर-संस्करण

भजन
  • जगदीश्वरी जय माता भवानी
  • कारुण्य लावण्य अखिलांडेश्वरी
  • जगदीश्वरी जय माता भवानी
  • हे शिव शंकरी त्रिलोक पालिनी
  • शरणागत परिपालिनी माता
अर्थ

माँ भवानी समस्त ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री हैं। वे तीनों लोकों को धारण करती हैं, दयालु और सुंदर हैं। वह भगवान शिव की पत्नी हैं और उन सभी का पूरा ध्यान रखती हैं जो उनकी शरण में जाते हैं।

व्याख्या
जगदीश्वरी जय माता भवानी विश्व माता की जय हो, भगवान की माता, सभी प्राणियों की जीवन-शक्ति, जो प्रेम और शांति का अनंत भंडार है।
कारुण्य लावण्य अखिलांडेश्वरी हे दिव्य माता! आप करुणामयी, अति सुंदर एवं दर्शनीय हैं! आप ही पूरे ब्रह्मांड पर शासन करने वाली शक्ति हैं।
जगदीश्वरी जय माता भवानी विश्व माता की जय हो, भगवान की माता, सभी प्राणियों की जीवन-शक्ति, जो प्रेम और शांति का अनंत भंडार है।
हे शिव शंकरी त्रिलोक पालीनि हे दिव्य माँ, भगवान शिव की अर्द्धांगिनी। आप सभी शुभता और दिव्यता की स्रोत हैं, आप तीनों लोकों की रक्षा करने वाली हैं।
शरणागत परिपालिनी माता हे माता! आप ही वह हैं जो सभी का पालन-पोषण और सुरक्षा करती हैं। संपूर्ण सृष्टि पूर्ण रूपेण आपके प्रति समर्पित है।

राग: मुख्यतया हंस विनोदिनी पर आधारित है

श्रुति: सी # (पंचम)

बीट (ताल): कहरवा या आदि तालम – 8 बीट

भारतीय संकेतन
पश्चिमी संकेतन

Adopted from : https://archive.sssmediacentre.org/journals/vol_12/01SEPT14/Jagadeeshwari-Jaya-Mata-Bhavani-radiosai-bhajan-tutor.htm

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