सभी प्राणियों से प्रेम करो
सभी प्राणियों से प्रेम करो
शिक्षक अभ्यास को धीरे-धीरे पढ़ते हैं, बिन्दुओं पर रुकते हैं …
आप चाहें तो कोई मधुर संगीत बजा सकते हैं।
सबसे पहले, अपनी कुर्सियों पर एक आरामदायक स्थिति में बैठें, या फर्श पर पाँव मोड़ कर बैठें। सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ सीधी है और सिर सीधा। गहरी सांँस लें और सांँस छोड़ते हुए आराम करें। अपनी आंखें बंद करें, या यदि आप इससे असहज महसूस करते हैं, तो नीचे फर्श पर देखें। एक और गहरी सांँस लें … और दूसरी …
कल्पना कीजिए कि आप ग्रामीण इलाकों में घूम रहे हैं …
यह बहुत सुंदर है और सूरज चमक रहा है …
आप एक बड़े पेड़ को देखते हैं और उसकी ठंडी छाँव में बैठने का फैसला करते हैं …
देखो, एक खरगोश का बच्चा घास कुतर रहा है …
और उस पेड़ पर एक गिलहरी है …
दूर कुछ हिरण घास चर रहे हैं …
ग्रामीण इलाकों में बहुत सारे जीव रहते हैं और आप उन्हें देखकर खुश होते हैं …
उन्हें खाने और खेलने दो …
घर ले जाने के लिए किसी को पकड़ने की कोशिश मत करो … क्योंकि जंगल ही उनका घर है …/p>
वो खुश…और आप भी खुश…(लंबा विराम)
जब आप मेरी छोटी सी घंटी की खनखनाहट सुनें, तो धीरे-धीरे अपनी आंँखें खोलें, अपने पास में बैठे व्यक्ति को देखें और मुस्कुराएंँ।
परिचर्चा:
(बच्चों की एकाग्रता को बढ़ाने के लिए इस अभ्यास को करें।)
- क्या देखा?
- आपने कैसा महसूस किया?
[संदर्भ: मानव मूल्यों में सत्य साई शिक्षा, कैरोल एल्डरमैन द्वारा चरित्र और भावनात्मक साक्षरता के विकास के लिए एक पाठ्यक्रम]