मुद्रा प्रस्तुति
Pick and Pose
(भगवान शिव के नामों पर आधारित मूक अभिनय)
समाहित मूल्य:
- भगवान शिव के कई नामों को जानकर उनके अर्थों को याद रखना।
- याददाश्त बढ़ाने में सहायक।
- आत्मविश्वास में सुधार।
आवश्यक सामग्री:
- भगवान शिव के नामों की चिटें ।
पूर्व तैयारी:
गुरू खेल शुरू करने से पहले भगवान शिव के निम्नलिखित नामों के अर्थ समझा सकते हैं। इससे उन्हें नाम का अर्थ निकालने में मदद मिलेगी।
- नीलकंठ: जिनका कंठ नीला है। विष्णु के कुर्मा अवतार के दौरान समुद्र मंथन करते समय शिव ने जहर पी लिया था। उन्होंने जहर को अपने शरीर में प्रवेश करने से रोकने के लिए अपने कंठ (गले) में रोक कर रखा था।
- मृगधर: जो अपने हाथों में एक हिरण रखते हैं। हिरण की चंचल गति की तुलना हमारे मन की बेचैनी से की जाती है। अगर हम अपने मन को प्रभु के सामने समर्पित कर दें तो वह उसे मजबूती से पकड़े रखेंगे।
- नटराज: शिव का यह नाम उनकी अलौकिक नृत्य छबि को दर्शाता है।
- गंगाधर: गंगा को धारण करने वाले। जिन्होंने गंगा को अपनी उलझी हुई जटाओं में धारण किया है।
- चंद्रशेखर: जो अपने मस्तक पर अपनी जटाओं में चंद्रमा (चंद्र) को धारण करते हैं।
- अर्धनारीश्वर: शिव और पार्वती का संयुक्त रूप।जिनका दायाँ आधा भाग पुरुष शिव का और दूसरा आधा भाग नारी रूप में है।
- त्रिपुरारी: जिन्होंने असुरों के राजा मायासुर के नगरों को नष्ट कर दिया। वे नगर जो पृथ्वी, आकाश और स्वर्ग पर स्थित थे एवं लोहे, चांदी और सोने से बने थे।
- त्रिनेत्र: जिनके तीन नेत्र हैं जो सूर्य, चँद्रमा और अग्नि का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- भोलेनाथ: जो दयालु हैं और सभी के प्रति प्रेम रखते हैं।
- भस्मभूषित: जिनके संपूर्ण शरीर पर भस्म (राख) लिपटी हुई है।
- उमापति: जो उमा अर्थात पार्वती के पति हैं।
- लिंगोद्भव: जिनकी उत्पत्ति लिंग के रूप में मानी जाती है।
- त्रिशूलधारी: जो त्रिशूल धारण करते हैं।
- हर: बुराइयों को हरने वाले (नाश करने वाले)।
- कैलाशनाथ: कैलाश पर्वत के स्वामी। यहाँ वह एक योगी के रूप में रहते हैं। अत: कैलाश पर्वत प्रकाश, पवित्रता और आनंद का निवास स्थान है।
खेल की विधि :
- प्रत्येक बच्चे को एक चिट उठाकर बिना कुछ बोले अभिनय द्वारा चिट में दिए गए शब्द के अर्थ को समझाना होगा।दूसरे बच्चे उस नाम (शब्द) का अनुमान लगायेंगे।