न हि ज्ञानेन

ऑडिओ
श्लोकाचे बोल
- न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रनिहा विध्यते।
- तत्स्वयं योग संसिद्ध : कालेनात्मनि विन्दति।।
अर्थ
या जगात ज्ञानासारखे पवित्र दुसरे काहीही नाही. (कर्म) योगाने अंतः करण शुद्ध झालेला पुरुष योग्य काळी ते ज्ञान आपल्या ठिकाणी स्वतः च प्राप्त करून घेतो.

स्पष्टीकरण
| न | नाही |
|---|---|
| हि | अजिबात |
| ज्ञानेन सदृशं | ज्ञानासारखे |
| पवित्रं | पवित्र |
| इह | येथे (या जगात) |
| विध्यते | आहे |
| तत् | ते (ज्ञान) |
| स्वयं | स्वतःच |
| योग संसिद्ध: | योगाने युक्त |
| कालेनात्मनि = कालेन + आत्मनि कालेन आत्मनि |
योग्य काळी स्वतःच्या ठिकाणी |
| विन्दति | मिळवतो, प्राप्त करून घेतो |
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
- Lectures: 0
The curriculum is empty





















