वेदानुरते

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लोकाचेबोल
- वेदानुरतेजगनवहत
- भूगोम उत
- दैय दारयतेब छयते
- यं कुवत
- पौयं जयतेहं कयते
- काया मातवते
- ेछान्मूछयतेदाकृतकृते
- कृणाय तुयं नमः
अथ
भांचेअधमापासून संरण करयासाठ अवतार घेणाया भगवान वणुची ही ाथना आहे. यांया दावतारांचेवरी ोकामयेवणन केेआहे. तेपुढमाणेआहेत – मयावतार, कूमावतार वराहावतार, नरसहावतार,वामनावतार, परुरामावतार, रामावतार बरामावतार, कृणावतार, आण कक अवतार (आपेभुसाई) हेभु! मीतुया कम चरणाी रणागत होतो.
दृकश्राव्य चित्रण (विडिओ)
स्पष्टीकरण
| वेदा | पव ान असेेंथ (वेद) |
|---|---|
| उरते | संरण करयासाठ, तारयासाठ, पुनजीवत करणे |
| जगनवहते | जगाचा भार वाहणारा |
| भूगोम | पृवी |
| उते | उचून धरणारा |
| दैय | रास, कायपऋषची पनी दत हचेपु तेदैय |
| दारयते | ठार मारणे |
| ब | बराजा |
| छयते | फसवण |
| यं | याचा ना |
| कुवते | करणे |
| पौय | पुतीचा पु रावण |
| जयते | जकणे |
| हं | ह |
| कायंआतवते | जो सया कोणाचेही काहीही देणेागत नाही पण जो देयासाठ सदैव तयार असतोयाया दयाळूपणाा कोणयाही अट नसतात. |
| ेछान् | ोक |
| मूछयते | मती गंगु करणे, बेु करण |
| दाकृतकृत | दहा आकार धारण करणाया |
| कृणाय | कृण, जो सवाना आकषत करतो |
| ुय | तुा |
| नमः | नमकार असो |
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
- Lectures: 2
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