यत्करोषि
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श्लोकाचे बोल
- यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत्।
- यत्तपस्यसि कौन्तेय तत्कुरुश्व मदर्पणम्॥
अर्थ
हे अर्जुना! (तू) जे (कर्म) करतोस, जे खातोस, जे (पवित्र अग्नीत ) अर्पण करतोस, जे दान (देणगी म्हणून) देतोस आणि जे जे तपाचरण करतोस हे सर्व तू मला अर्पण कर.
स्पष्टीकरण
यत् | जे |
---|---|
करोषि | (जे) करतो |
यद | जे काही |
अश्नासि | जे खातोस |
यत् | जे काही |
जुहोषि | अर्पण करतो |
ददासि | तू जे दान देतोस |
तपस्यसि | तू तप आचरण करतोस |
कौन्तेय | हे अर्जुना, कुंतीचा पुत्र |
तत् | ते |
कुरुष्व | कर |
मद | मला |
अर्पणम् | अर्पण कर |
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
- Lectures: 1
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