सदैव प्रसन्न रहो

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सदैव प्रसन्न रहो
(निरूपयोगी वस्तुओं से उपयोगिता की निर्मिती – गतिविधि)

 

 

 

 

क्या कभी आपने सोचा है कि हमें वास्तव में खुशी कैसे मिलती है?

खुशी, जो कि सकारात्मक और सुखद भावनाओं से भरी मन की स्थिति है, को कई तरीकों से महसूस किया जा सकता है। हमारे दैनिक जीवन में ऐसे अनेक स्त्रोत हैं जो हमारे मन को प्रसन्नता प्रदान करते हैं जैसे बारिश की महक, फूलों के खिलने का नजारा, सूर्यास्त का सुंदर दृश्य आदि । इसी प्रकार प्रकृति की तरह हम भी अपने नैसर्गिक गुणों के माध्यम से दूसरों को खुशी प्रदान कर सकते हैं – जैसे – मदद, प्यार, सहभागिता, दूसरों की देखभाल आदि।

स्वामी अक्सर कहते हैं, “हमेशा प्रसन्न रहो! प्रसन्न! प्रसन्न “। स्वामी के अनुसार, हमें प्रसन्न रहना चाहिए और दूसरों को प्रसन्न करना चाहिए। इससे भगवान प्रसन्न होंगे! इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए इससे सरल मंत्र और क्या हो सकता है!

यहां एक गतिविधि वीडियो है जो सर्वत्र खुशी का वातावरण निर्मित करेगा। यह वीडियो हमें दिखाता है कि फोम शीट और पुरानी सी डी से एक भित्ति-दोलन(वाल हैंगिंग) को कैसे बनाएं। स्माइली अर्थात स्मिति के साथ, बालविकास केंद्रों या घर पर लटका हुआ यह वाल हैंगिंग निश्चित रूप से प्रसन्नता पर दिए गए स्वामी के संदेश की निरंतर याद दिलाने में सफल होगा।

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