होलिका दहन
यह समुच्चित चित्रकला गतिविधि बच्चों को होलिका दहन के पौराणिक अर्थों से परिचित कराने का एक दिलचस्प तरीका है।
भारत के विभिन्न हिस्सों में होली के विभिन्न पौराणिक कथानक हैं। सबसे लोकप्रिय कथा भारत में एक प्राचीन दानव राजा से संबंधित है जिसे हिरण्यकश्यप के नाम से जाना जाता है। वह एक क्रूर और अत्याचारी शासक था। उनका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। उसकी भक्ति से क्रोधित होकर पिता ने उसे भगवान विष्णु की पूजा करने से रोकने की बहुत कोशिश की। जब उनके सभी प्रयास विफल हो गए, तो हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने का फैसला किया। उन्होंने विभिन्न तरीकों की कोशिश की, जिसमें उन्हें एक ऊंची चट्टान से कूदना और एक हाथी द्वारा रौंद दिया जाना शामिल था, लेकिन भगवान विष्णु ने उन्हें हर बार बचाया। आखिरकार हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को बुलाया, जिसे वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जल सकती। होलिका ने प्रह्लाद को अपनी गोद में अग्नि में बैठाया। लेकिन, इस बार भी भगवान विष्णु की कृपा से, प्रह्लाद क्षतिग्रस्त हुए बिना बच गया लेकिन होलिका जलकर मर गई।
समग्रित मूल्य:
- प्रह्लाद की भक्ति की तीव्रता
- बुराई पर अच्छाई की जीत
- धीरज
- रचनात्मकता
आवश्यक सामग्री:
- पुराना अखबार (शिल्प कार्य करते हुए फैलाने के लिए)
- कार्ड कागज़
- ग्लू स्टिक
- पीला, लाल और नारंगी ऊतक या क्रेप पेपर
- भूरे रंग का कागज
- टहनियाँ
- चिपचिपा टेप
- होलिका और प्रह्लाद का चित्र (हाथ से बनाए गए/ पुरानी किताबों से)
गतिविधि:
- गत्ते से एक अलाव का आकार बनाएं।
- टिशू पेपर से लपटें काटें।
- गत्ते पर पहले लपटों को आधार रूप में चिपकाएं।
- ब्राउन पेपर से कुछ आयताकार “लॉग” आकार की छड़ें काटें।
- इनको आग की तली में गोंद से चिपका दें। कुछ असली टहनियों को भी चिपका सकते हैं।
- नमूना चित्र में दिखाए गए अनुसार होलिका और प्रह्लाद के चित्र बनाएं या चिपकाएं ।