पहचान की समस्या
उद्देश्य:
इस गतिविधि में बच्चों को ध्यान से सुनने की आवश्यकता होती है ताकि वे उपयुक्त प्रश्नों के माध्यम से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकें, जिन्हें सही उत्तर का अनुमान लगाने के लिए एक-दूसरे से जोड़ा जाना चाहिए। यह संतों और महापुरुषों के जीवन के बारे में उनके ज्ञान का मूल्यांकन करता है।
संबंधित मूल्य:
- एकाग्रता
- स्मरण शक्ति में वृद्धि
- ध्यान
आवश्यक सामग्री:
कोई नहीं
गुरू के लिए प्रारंभिक कार्य:
गुरू को प्रत्येक व्यक्तित्व वाली कई पर्चियाँ तैयार करनी होती हैं। जैसे किसी देवता/संत/महापुरुष का नाम।
कैसे खेलें
- कक्षा को दो समूहों में बांँटा जाता है।
- गुरू समूह ए को एक पर्ची देता है (उदाहरण: विवेकानन्द)।
- ग्रुप ए का एक बच्चा अपनी पर्ची में लिखे गए नाम के बारे में संकेत देता है।
- समूह बी को बुद्धिमानी से पूछताछ करके उस नाम का पता लगाना चाहिए।
- खेल का नियम है – प्रश्न केवल हाँ/नहीं – प्रकार के होने चाहिए।
- गुरू एक उदाहरण की सहायता से खेल को समझाते हैं:
- समूह ए – संत
- ग्रुप बी – जीवित या मृत? (यह प्रश्न नियम के अनुरूप नहीं है। अत: समूह A को इसका उत्तर देने की आवश्यकता नहीं है)
- समूह बी – जीवित?
- ग्रुप ए – नहीं
- ग्रुप बी – क्या संत उत्तर भारत के हैं
- समूह ए – हाँ
- ग्रुप बी – महिला?
- ग्रुप ए – नहीं
- ग्रुप बी – क्या उस संत ने विदेश यात्रा की है?
- समूह ए – हाँ
- ग्रुप बी – क्या वह बंगाल के हैं?
- समूह ए – हाँ
- समूह बी – क्या वह संत विवेकानन्द हैं?
- ग्रुप ए – हाँ, सही है।
- समूहों द्वारा भूमिकाएँ बदलने के साथ खेल जारी रहता है।
- गुरू अगली पर्ची ग्रुप बी को देते हैं और अब नाम का अनुमान लगाने की बारी ग्रुप ए की है।