शीर्षक: कृतज्ञता का दृष्टिकोण व्यवस्थापन: मैरी स्कूल पात्र: मैरी और उसकी माँ एवं 2-3 शिक्षक। संबंधित मूल्य: शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता एवं सम्मान की भावना।
दृश्य: (मैरी अपनी मां सुज़ैन के साथ गलियारे में खड़ी है। वह अपनी फीस भरने आई है। कुछ शिक्षक उधर से गुजरते हैं।) सुसन: मैरी, तुमने उन शिक्षकों को अभिवादन क्यों नहीं किया? मैरी: जब मैं पहली कक्षा में थी तो उन्होंने मुझे पढ़ाया। अब वे मुझे नहीं पढ़ा रहे। मैरी: (अचानक) गुड मॉर्निंग (सुप्रभात) मैडम! गणित अध्यापक: सुप्रभात! मैरी: मम्मी, ये इस वर्ष मेरी गणित की शिक्षिका हैं। सुसन: मैरी, तुम सही काम नहीं कर रही हो। मैरी: क्यों मम्मी? सुसन: तुमने उन शिक्षकों को सम्मान देना बंद कर दिया है, जो अब तुम्हें नहीं पढ़ाते। बच्चे, तुम्हें वह सब कभी नहीं भूलना चाहिए जो उन्होंने तुम्हारे लिए किया है। (सुसन जारी है) क्या तुम जानती हो? एक बार भारत के पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा आधिकारिक यात्रा पर मस्कट आये। जब एयर इंडिया की फ्लाइट मस्कट में उतरी तो ओमान के सुल्तान खुद उन्हें रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट पहुंँचे। हर कोई अचंभित रह गया। मैरी: अचंभित हो गई! लेकिन क्यों? सुसन: क्योंकि यह पहली बार था जब वह किसी विदेशी राजनेता को हवाई अड्डे से रिसीव करने गये थे। मैरी: लेकिन फिर क्या कारण रहा होगा? (विचारमग्न) ओह हांँ! मैं समझ गयी। वे महान भारत के राष्ट्रपति थे। क्या मैं सही हूँ ? सुसन: (मुस्कुराते हुए) जब फ्लाइट उतरी तो सुल्तान उन्हें लेने के लिए विमान के अंदर गये। मैरी: अंदर गये!! सुसन: बस इतना ही नहीं। फ्लाइट से उतरने के बाद उन्होंने खुद राष्ट्रपति के लिए कार चलाई। मैरी: वाक़ई!! सुसन: हाँ प्रिय! बाद में पत्रकारों ने सुल्तान से उनके इस आश्चर्यजनक व्यवहार के लिए प्रश्न किया। सुल्तान ने उत्तर दिया कि वह श्री शर्मा को लेने के लिए हवाई अड्डे पर इसलिए नहीं गये थे क्योंकि वह भारत के राष्ट्रपति थे। मैरी: लेकिन, फिर क्यों? सुसन: सुल्तान ने भारत में अध्ययन किया था और जब वह पुणे में अध्ययन कर रहे थे, श्री शर्मा उनके प्रोफेसर थे। मैरी: हे भगवान! सुल्तान के मन में अपने शिक्षक के प्रति कितनी श्रद्धा थी जिन्होंने उन्हें बहुत पहले पढ़ाया था और वह भी एक अलग देश से थे!! सुसन: तो अब तुम्हें समझ आया कि मैं तुम्हें ये किस्सा क्यों सुना रही हूँ प्रिये? मैरी: मुझे यह समझ में गया और मुझे बहुत खेद है, मम्मी। (एक शिक्षक उनके पास से गुजरते हैं) मैरी: सुप्रभात, मैडम। शिक्षक: तुम्हें अपनी नई कक्षा कैसी लगी, मैरी? मैरी: ठीक है मैडम। लेकिन इस साल मुझे आपकी याद आएगी। शिक्षक: (मुस्कुराते हुए) मुझे भी बेटा। मैरी: जूली मैडम पिछले साल मेरी क्लास टीचर थीं, मम्मी। (सुसन मुस्कुराकर स्नेह से उसे थपथपाती है)