- कृष्णा रामा गोविंद नारायणा
- माधवा केशवा हरि नारायणा
- कृष्णा रामा गोविंद नारायणा
- श्री वेणुगोपाल कृष्णा
- माधवा मधुसूदना नारायणा
कृष्णा रामा गोविंद नारायणा
भजन
अर्थ
नारायण वह हैं जो नर (मनुष्य) के हृदय में निवास करते हैं। वह राम भी हैं, कृष्ण भी हैं। मधु नामक दैत्य का वध करने वाले भी वही मुरलीधर हैं।
व्याख्या
कृष्णा रामा गोविंद नारायणा | हम भगवान कृष्ण, राम, गोविंद और नारायण के नामों का जप करते हैं, जो सभी को आकर्षित करते हैं एवं सर्वव्यापी हैं। ये नाम हमारी रक्षा करते हैं और हमारी प्रवृत्तियों को वश में करते है। |
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माधवा केशवा हरि नारायणा | इन नामों के द्वारा हम प्रभु की स्तुति करते हैं। माधव, केशव, हरि और नारायण नाम उनके हैं जो सम्पूर्ण जगत के स्वामी हैं। उनके सुंदर काले केश उनके मुख को अति सुंदर और मोहक बनाते हैं। वे हमारे आध्यात्मिक पथ पर आने वाली बाधाओं को नष्ट कर देते हैं। |
कृष्णा रामा गोविंद नारायणा | हम भगवान कृष्ण, राम, गोविंद और नारायण के नामों का जप करते हैं, जो सभी को आकर्षित करते हैं एवं सर्वव्यापी हैं। ये नाम हमारी रक्षा करते हैं और हमारी प्रवृत्तियों को वश में करते है। |
श्री वेणुगोपाल कृष्णा | हम मुरली बजाने वाले भगवान को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करते हैं और बाँसुरी के समान खोखला अर्थात् अहंकार रहित होने के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं ताकि वह हमें उनके प्रिय वाद्य यंत्र के रूप मे प्रयोग कर सकें। |
माधवा मधुसूदना नारायणा | हम माधव के रूप में भगवान की जय जय कार करते हैं। मधुसूदन, जिन्होंने मधु नामक राक्षस का वध किया था। सृष्टि के सर्वव्यापक स्वामी नारायण जो सर्वनाश से रक्षा करते हैं तथा हमारे मन से कामुक सुखों का आकर्षण दूर करते हैं। |
राग : बागेश्री
श्रुति: डी (मध्यम)
बीट (ताल): कहरवा या आदि तालम – 8 बीट
भारतीय संकेतन
Adopted from : https://archive.sssmediacentre.org/journals/vol_11/01NOV13/bhajan-tutor-Krishna-Rama-Govinda-Narayana.htm