दीप-सज्जा
दीप-सज्जा
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि दीपावली रोशनी का त्यौहार है। दीपावली शब्द ‘दीप’ और ‘अवली’ शब्दों से मिलकर बना है। ‘दीप’ का अर्थ है मिट्टी के दिये या दीपक जबकि ‘अवली’ का अर्थ पंक्ति या श्रृंखला होता है।
यह माना जाता है कि भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद घर लौटे थे और अयोध्या के लोगों ने भगवान के आगमन पर मार्ग रोशन करने के लिए अपने घरों के बाहर पंक्तियों में मिट्टी के दिये जलाए थे। यह अमावस्या की रात थी। इस दीपावली पर आइये हम अपने घर के हर नुक्कड़ और कोने को रंग-बिरंगे मिट्टी के दियों से रोशन करें और उसमें अपनी इच्छाओं, मिथ्यापन और आसक्ति को जलाकर खुद को भी प्रबुद्ध करें।
समग्रित मूल्य :
- धीरज
- रचनात्मकता
- दीप प्रज्वलन पवित्रता, अच्छाई एवं सकारात्मक ऊर्जा के प्रसार को सूचित करता है।
- प्रस्तुति कौशल
आवश्यक सामग्री:
- मिट्टी का दिया
- ग्लिटर, मोती, आदि।
- ऐक्रेलिक पेंट
- शिल्प वाला गोंद
- रंग चित्रण तूलिका (पेंटिंग ब्रश)
गतिविधि :
- ऐक्रेलिक पेंट्स के साथ दीये को पेंट करें और इसे सूखने दें, जैसा कि ऊपर दिखाया गया है।
- फिर छोटे मोतियों, छोटे रंग के पत्थरों, ग्लिटर आदि के साथ उसकी सजावट करें।
- यह हमारी रचनात्मकता के आधार पर विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। नीचे दिए गए चित्रों में कुछ नमूने दिखाए गए हैं।