संतुष्टः सततं
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श्लोकाचे बोल
- संतुष्टः सततं योगी यतात्मा दृढनिश्चयः।
- मय्यर्पितमनोबुद्धियों मद्भक्त. स मे प्रियः॥
अर्थ
नेहमी समाधानी, समचित्त, स्वतःला नियंत्रणात ठेवणारा, दृढनिश्चयी, मन आणि बुद्धी माझ्या ठायी अर्पण केलेला जो माझा भक्त आहे तो मला प्रिय असतो.
स्पष्टीकरण
संतुष्टः | समाधानी |
---|---|
सततं | नेहमी |
योगी | भक्ति मधे रत असलेला |
यतात्मा | स्वत:ला नियंत्रणात ठेवणारा |
दृढनिश्चयः | दृढनिश्चय केलेला |
मयि | माझ्या ठायी |
अर्पित | अर्पण केलेली |
मन: | मन |
बुद्धि | बुद्धी |
य: | जो |
मद्भक्तः | माझा भक्त |
स | तो |
मे | मला |
प्रियः | प्रिय |
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
- Lectures: 1
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