जब भगवान का पृथ्वी पर पदार्पण होता है, तब पेड़-पौधे, पशु-पक्षी एवं मनुष्य सभी सार्वभौमिक तथा ईश्वरीय प्रेम का आनंद लेते हैं। चारों ओर सद्भाव तथा आनंद का वातावरण रहता है और परिवर्तन का चमत्कार प्रभाव परिलक्षित होता है। आठ दशकों से भी अधिक समय तक ऐसा ही हुआ जब 23 नवंबर, 1926 के पवित्र दिन हमारे बीच श्री सत्य साई बाबा का अवतरण हुआ।
युवा साई कहानियों का एक संग्रह है जो हमारे प्यारे भगवान बाबा के जन्म तथा बचपन के दिनों को बताता है। इसमें संग्रहित घटनाओं के द्वारा हमें पता चलता है कि कैसे युवा सत्य ने अपने बाल्यकाल से ही अपने गौरवशाली मिशन के लिए बीज बोए। उन्होंने यह घोषणा करते हुए अपनी शिक्षाओं को जीया: मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।
बालविकास गुरू, अपने बालविकास के बच्चों की आयु के आधार पर, दिए गए संग्रह में से घटनाओं का चयन कर सकते हैं। कथाओं की विशिष्टता यह है कि ये केवल ईश्वर के जीवन की कहानियाँ मात्र नहीं हैं बल्कि जीवन के मूल्यों की ओर ले जाती हैं। गुरुओं को उन मूल्यों को उजागर करना चाहिए जो कहानियों का अभिन्न अंग हैं। बालविकास गुरू छात्रों की समझ का आकलन करने के लिए प्रश्नोत्तरी अनुभाग के प्रश्नों में से प्रश्न भी चुन सकते हैं।