ॐ
प्यारे बच्चों! सीधे बैठें। सांँस अंदर लें और सांँस छोड़ें। कल्पना करें कि दुनिया कितनी सुंदर और शानदार है, पक्षी, फूल, आपके माता-पिता। हर चीज अनुग्रह तथा चमक बिखेर रही है। आइए हम सभी में खुशियाँ फैलाएँ।
ॐ
प्यारे बच्चों! सीधे बैठें। सांँस अंदर लें और सांँस छोड़ें। कल्पना करें कि दुनिया कितनी सुंदर और शानदार है, पक्षी, फूल, आपके माता-पिता। हर चीज अनुग्रह तथा चमक बिखेर रही है। आइए हम सभी में खुशियाँ फैलाएँ।
तीन बार “ॐकार” का जाप करें। ओम् भगवान द्वारा उच्चारित प्रथम मूल ध्वनि है। जब भगवान ने ‘ओम्’ शब्द का उच्चारण किया तो उसे समाहित करने के लिए किसी चीज़ की आवश्यकता पड़ी और अंतरिक्ष तत्व अस्तित्व में आया। ऐसा कहा जाता है कि ओंकार सभी मंत्रों का राजा है।
ईश्वर ने सर्वप्रथम अंतरिक्ष (स्थान) का सृजन किया क्योंकि इसमें सब कुछ समा सकता है! वह कहते हैं ‘सभी से प्रेम करो और सभी की सेवा करो।’ हाँ, बच्चों, हमारा भगवान हमसे इतना प्यार करता है कि उसने हमें रहने के लिए एक खूबसूरत दुनिया और पूरा ब्रह्मांड दिया। आप अपने दैवीय स्व से प्रार्थना करते हैं कि वह आपका निर्माण करता रहे, आपका मार्गदर्शन करे और आपको जीत तथा गौरव की ओर ले जाए।