- मुरली मनोहर श्याम मुरारी
- गोपाला साई गोपाला (2)
- राधा लोला हरे गिरिधारी
- गोपाला साई गोपाला (2)
मुरली मनोहर श्याम मुरारी
भजन
अर्थ
हे गोपाल (कृष्ण) आपको नमन। आपको बांसुरी की धुन अति प्रिय है। आप राधा के अभिन्न सखा हैं।
व्याख्या
मुरली मनोहर श्याम मुरारी | हे सुंदर नीलवर्ण वाले प्रभु। आप बंसीधर, अनुपम सौंदर्य से सुशोभित हैं, आपने राक्षस मुरा को जीत लिया है। आप अनंत हैं, सर्वोच्च लीलापुरुषोत्तम तथा भ्रम का नाश करने वाले हैं। |
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गोपाला साई गोपाला (2) | हे भगवान, वृंदावन की गायों के रखवाले आप हो। हमारी आत्माओं की तब तक देखभाल करें जब तक कि वे आपके साथ एकरूप न हो जाएंँ। आप वही कृष्ण हैं जो साई कृष्ण के रूप में अवतरित हुए हैं। |
राधा लोला हरे गिरिधारी | हे भगवन। राधा प्यारी, आपकी सबसे बड़ी भक्त है। आपने अपने प्रियजनों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया था। आप हमारे शाश्वत रक्षक हैं। राधा जी के अनंत प्रेम सम आप हमें भी आशीर्वाद दें। |
गोपाला साई गोपाल (2) | हे भगवान, वृंदावन की प्यारी गायों के रखवाले। उनकी रक्षा करने वाले आप हो। हमारी आत्माओं की तब तक देखभाल करें जब तक कि वे आपके साथ एक न हो जाएंँ। आप वही कृष्ण हैं जो साई कृष्ण के रूप में अवतरित हुए। |
रागः सिंधुभैरवी
श्रुति: ई (पंचम)
बीट (ताल): कहरवा या आदि तालम – 8 बीट
भारतीय संकेतन
पश्चिमी संकेतन
Adopted from : https://archive.sssmediacentre.org/journals/vol_14/01AUG16/Radio-Sai-Bhajan-Tutor-Murali-Manohara-Shyam-Murari.htm