पश्य मे पार्थ
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श्लोक
पश्य मे पार्थ रुपाणि शतशोऽथ सहस्रशः |
नानाविधानि दिव्यानि नानावर्णाकृतीनिच ॥
अर्थ :
हे पार्था, चित्रविचित्र रंगांची, नानाविध आकृतींची, अनेक तऱ्हेची, शतावधि आणि सहस्रावधि, अशी माझी दिव्य रूपे पहा.
स्पष्टीकरण
पश्य | पहा |
---|---|
मे | माझी |
पार्थ | हे अर्जुना (पृथाचा पुत्र) |
रुपाणि | रुपे |
शतशः | शतावधि |
अथ | आणखी |
सहस्रशः | सहस्रावधि |
नाना | अनेक |
विधानि | प्रकारची |
दिव्यानि | दिव्य |
वर्णा | रंगांची |
आकृतीनि | आकारांची |
Overview
- Be the first student
- Language: English
- Duration: 10 weeks
- Skill level: Any level
- Lectures: 1
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