इस श्रृंखला में ऐसी कहानियाँ जिनके सार के रूप में दो मूल्य हैं, अलग-अलग सूचीबद्ध हैं। सत्य मानव जीवन का सिद्धांत है। सत्य से धर्म की उत्पत्ति होती है। और धार्मिकता शांति की ओर ले जाती है, उसके बाद प्रेम आता है। इस प्रकार, सब कुछ सत्य से उत्पन्न होता है। सत्य में, सब कुछ विलीन हो जाता है। ऐसी कोई जगह नहीं है जहाँ सत्य का प्रवेश न हो।
जब सत्य को व्यवहार में लाया जाता है, तो वह धर्म बन जाता है। इस खंड में सूचीबद्ध कहानी, “सत्य ही ईश्वर है”, स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक के बाल्यकाल में किये गये साहसपूर्ण कार्य का वर्णन करती है।
[Source: Guidelines and Manual for Sri Sathya Sai Balvikas Towards Human Excellence – Book2 – Sri Sathya Sai EHV Trust, Mumbai]