श्रीराम भजन प्रशिक्षण
पवित्र ‘राम’ नाम में, ‘र’ रवि (सूर्य) का प्रतीक है, ‘अ’ अग्नि का प्रतीक है और ‘मा’ मयंक अर्थात् चंद्रमा का प्रतीक है। इसलिए जब हम ‘राम’ नाम का उच्चारण करते हैं, तो उसकी अग्नि के समान तीव्रता में हमारे समस्त पाप जल जाते हैं। सूर्य के समान प्रखरता अज्ञान के अंधकार को दूर करती है और चंद्रमा जैसी शीतलता हमारे मन को शांत करती है। – बाबा
राम नाम इस कलियुग का तारक मंत्र है। जब हम इन राम भजनों को उत्साह के साथ गाते हैं तो हमारे हृदय की धड़कनें भगवान के दिव्य नाम के साथ एकरूप हो जाती हैं ।
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भजन